Sunday, December 22, 2024

मांगे नहीं मानी तो 12 अक्टूबर को देशव्यापी आंदोलन होगा : गुर्जर समाज

नयी दिल्ली – राष्ट्रीय युवा गुर्जर स्वाभिमान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी ने बुधवार को ऐलान किया कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गयी तो 12 अक्टूबर को देशव्यापी आंदोलन और जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा।


श्री भाटी यहां प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि मध्यप्रदेश के ग्वालियर स्थित फूलबाग मैदान में गत 25 सितंबर को प्रशासनिक अधिकारी द्वारा गुर्जरों पर किए गए तानाशाही रवैये, जातिवादी मानसिकता और पुलिसिया उत्पीड़न (आंसू गैस के गोले, रबड़ की गोलिया, लाठी डंडो से बुजुर्गों पर हमला आदि) के खिलाफ और अपनी मांगों को लेकर गुर्जर समाज 12 अक्टूबर को जेल भरो आंदोलन शुरू करेगा। अगर इस दौरान कोई अनहोनी घटित होती हैं तो उसकी समस्त जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार व प्रशासन की होगी।


एडवोकेट दिवाकर बिधूडी गुर्जर,अध्यक्ष गुर्जर आर्ट एंड कल्चर ट्रस्ट ने प्रेस वार्ता में बताया कि पुलिस प्रशासन का तानाशाही रवैया का स्तर इतना नीचे गिर चुका है कि बहन बेटियों की गिरफ्तारी कर उन्हें थानों में बेइज्जत किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन बेकसूर लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज कर उनसे अवैध वसूली कर रहा है। युवाओं के खिलाफ मामले दर्ज कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
श्री अंतराम तँवर ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार इस तानाशाही रवैया को तुरंत बंद करे। हम अपनी मां बहनों और अपने समाज की बेज्जती बर्दास्त नही करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक गुंडागर्दी और तानाशाही चरम पर है। समाज के शांतिपूर्ण अंहिसात्मक आंदोलन को अंग्रेजी शासन की भांति निहत्थे युवाओं पर बंदूक ताने खड़े पुलिसकर्मियों को वायरल वीडियो फुटेज में साफ देखा जा सकता है।


प्रशासन द्वारा महिलाओं के उत्पीड़न की बात सरगम लोहिया जी ने रखी। उन्होंने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक गुर्जरों का शोषण चरम पर है ऐसे में राष्ट्रीय युवा गुर्जर स्वाभिमान संघर्ष समिति ग्वालियर के गुर्जर समाज के साथ खड़ी है। यदि जल्द ही ग्वालियर प्रशासन और मध्यप्रदेश सरकार ने बेगुनाह लोगो के खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमें खत्म नहीं किये, अवैध उगाही और उत्पीड़न के लिए की जा रही छापे मारी बंद नहीं की और गिरफ्तार लोगों को रिहा नहीं किया तो 12 अक्टूबर को देश के विभिन्न प्रांतों से आये हजारों गुर्जरों द्वारा ग्वालियर में लाखों की संख्या में जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। यहीं नहीं अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो यह आंदोलन देशव्यापी भी होगा।


गर्जरों की मांगों में गुर्जर समाज के लोग अपनी विभिन्न माँगो को लेकर जो 25 सितंबर को महापंचायत कर रहे थे उन पर लगायी गई रासुका, फर्जी मुकदमे व जिन पर इनाम घोषित किए गए हैं उन्हें वापस लिया जाए, ग्वालियर चौराहे पर से गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की टीन हटायी जाए, क्योंकि देश के करोड़ों लोगों की यह आस्था का विषय है, मध्य प्रदेश के भिंड में बोरेशर मंदिर से हटाया गया गुर्जर प्रतिहार शासको का बोर्ड पुन: लगाया जाए, निर्दोष आकाश गुर्जर का फर्जी एनकाउंटर किए जाने पर उनके परिवार को न्याय तथा आर्थिक मदद दी जाए, जहां ऐतिहासिक इमारतों से गुर्जर शब्द हटाया गया है वहां वह दोबारा लिखा जाए, भारतीय सेना में गुर्जर रेजीमेंट की स्थापना की जाए, ग्वालियर में थानों का राजपूती करण बंद किया जाए एवं गुर्जर समाज को संख्या के आधार पर राजनीति में प्रतिनिधित्व दिए जाएं शामिल हैं।
इस प्रेस वार्ता के दौरान राष्ट्रीय गुर्जर समन्वय समिति के अध्यक्ष अंतराम तंवर, श्री दिवाकर बिधूडी गुर्जर और वीरांगना रामप्यारी गुर्जर ट्रस्ट की सरगम लोहिया भी माैजूद थीं।

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