Saturday, November 2, 2024

अगर वक्फ बोर्ड सही तरीके से काम करता तो मुसलमानों की स्थिति बेहतर होती – मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी

बरेली। केंद्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन किए जाने के निर्णय का ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने स्वागत किया है। उन्होंने इसे सराहनीय कदम बताया। मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा, “केंद्र सरकार, वक्फ बोर्ड को लेकर एक बिल संसद में लाने वाली है। पूरे हिंदुस्तान की नजरें उस कानून पर टिकी हैं कि इसमें क्या बदलाव किए जा सकते हैं, ये देखना होगा। मेरी सरकार से सिर्फ यही गुजारिश है कि वक्फ में बढ़ते भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कड़े कानून बनने चाहिए।” उन्होंने कहा, “भारत में सभी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, अधिकारी, सदस्य भूमाफियाओं के संग मिलकर वक्फ की संपत्तियों में भ्रष्टाचार कर रहे हैं। अगर वक्फ बोर्ड सही तरीके से अपना काम करता तो पूरे देश के मुसलमानों में विकास देखने को मिल जाता।

 

 

 

पूरे देश में कोई भी मुसलमान भीख मांगता सड़क पर नहीं दिखाई देता। लेकिन, कुछ लोगों ने सिर्फ भ्रष्टाचार करने का काम किया।” मौलाना ने केंद्र सरकार के इस निर्णय की देरी पर हैरानी जताई और कहा वक्फ बोर्ड में चल रही मनमानी को रोकने के लिए इस तरह के कानून को पहले ही लाना चाहिए था। अगर सरकार इसे पहले लाती तो वक्फ बोर्ड की आड़ में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल को रोका जा सकता।” वहीं, दूसरी ओर मौलाना खालिद रशीद ने वक्फ एक्ट का जिक्र करते हुए सरकार पर सवाल उठा। उन्होंने कहा, “हमारे देश वक्फ अधिनियम 1995 हैं, जिसमें 2013 में संशोधन किया गया।

 

 

 

इसी के तहत ही वक्फ प्रॉपर्टी को मैनेज किया जा रहा है। सरकार को वक्फ की प्रॉपर्टी पर मौजूद सरकारी दुकानों को देखना चाहिए। मुझे लगता है कि सरकार एक्ट में जो बदलाव करने जा रही है, उसमें किसी तरह की कोई जरूरत नहीं है। अगर ऐसा किया जा रहा है तो सभी की राय लेनी चाहिए।” बता दें कि केंद्र सरकार बजट सत्र के दौरान वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन से जुड़ा बिल संसद में पेश कर सकती है। पिछली बार वक्फ बोर्ड अधिनियम संशोधन 2013 में यूपीए सरकार के समय हुआ था।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय