मेरठ। आईएमए के चिकित्सकों ने ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को बेसिक लाइफ सपोर्ट की ट्रेनिंग दी। सिखाया गया कि दिल की धड़कन रुकने पर कैसे सीपीआर देकर लोगों की जान बचाई जा सकती है।
आईएमए अध्यक्ष डॉ. संदीप जैन और और डॉ. मनीष अग्रवाल ने बताया कि इस ट्रेनिंग में सिखाया गया कि अचानक किसी व्यक्ति की सांस या हृदय गति रुकने पर अस्पताल पहुंचने तक कृत्रिम सांस व सीपीआर द्वारा हृदय की धड़कन को फिर से संचालित कैसे कर सकते हैं। डमी पर प्रयोग करके यह सिखाया।
सीपीआर का मतलब है कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन। यह भी एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा यानी फर्स्ट एड है। जब किसी पीड़ित को सांस लेने में दिक्कत हो या फिर वो सांस न ले पा रहा हो और बेहोश जो जाए तो सीपीआर से उसकी जान बचाई जा सकती है। इसमें सीने को लगभग 100 से 120 प्रति मिनट की दर से दोनों हाथों से ज़ोर से दबाया जाता है। ट्रेनिंग के बाद 65 पुलिसकर्मियों को प्रमाण पत्र भी दिए गए।