मुज़फ्फरनगर। थानाभवन में बेबी पुत्री कश्यप ने थाना थाना भवन पर रिपोर्ट लिखाई थी घटना 23 वर्ष पुरानी है वादिया बेबी के पिता पानीपत में मजदूरी करते थे, वहीं रहते थे घटना की रात वादिया उसकी मां शिमला उसके दो भाई और एक बहन छत पर सोए हुए थे। तभी समय करीब साढ़े ग्यारह बजे बेबी की मां शिमला की चीख सुनकर सभी लोग जाग गए। उन्होंने देखा कि गांव के ही राजकुमार तथा रामपाल उर्फ सेठी शिमला के साथ हाथापाई कर रहे थे। इन लोगों ने शिमला के ऊपर मिट्टी का तेल डाल कर आग लगा दी जिससे शिमला का पूरा शरीर जल गया था। अस्पताल ले जाते समय शिमला की मौत हो गई थी।
इस मुकदमे में अभियुक्त को पूर्व में ही आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है इस मुकदमें के आधार पर इस तत्कालीन थानाध्यक्ष थाना भवन वीर विक्रम सिंह ने अभियुक्त रामपाल उर्फ सेठी पुत्र नकली तथा राजकुमार पुत्र चोहल सिंह के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा पंजीकृत कराया था, जिसकी विवेचना थानाध्यक्ष दया नंद वर्मा द्वारा संपादित की गई थी। रामपाल उर्फ सेठी की पत्रावली वर्ष 2010 में अभियुक्त रामपाल की मौत हो जाने के कारण उपशमित हो गई थी। वर्तमान में मुकदमा राजकुमार के विरुद्ध गैंगस्टर कोर्ट मुजफ्फरनगर में विचाराधीन था।
बुधवार को न्यायाधीश अशोक कुमार द्वारा अभियुक्त राजकुमार को गैंगस्टर एक्ट में दोषी पाते हुए 2 वर्ष की साधारण कारावास तथा पांच हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया। अभियोजन की ओर से मुकदमें की प्रभावी पैरवी विशेष लोक अभियोजक दिनेश सिंह पुंडीर व विशेष लोक अभियोजक राजेश शर्मा द्वारा की गई।