गाजियाबाद। साइबर ठगों ने भारत हैवी इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के सेवानिवृत्त डीजीएम को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 10.50 लाख रुपये ठग लिए हैं। ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस में शामिल होने और गिरफ्तारी का डर दिखाकर रुपयों की ठगी की है। पुलिस को दी शिकायत में डीजीएम गोपाल कृष्णा ने बताया कि शातिरों ने उन्हें रातभर सोने नहीं दिया। घटना 30 जुलाई से एक अगस्त के बीच की है। उन्हें एक ठगी का पता चलने पर उन्होंने साइबर अपराध थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
पुलिस को दी शिकायत में वसुंधरा निवासी गोपाल कृष्णा ने बताया कि 30 जुलाई को उनके पास एक कॉल आई। कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस का इंस्पेक्टर बताया और उन्हें व्हाट्सएप पर एक स्क्रीनशॉट भेजा। जिसे उसने मुंबई में दर्ज एफआईआर बताई। कॉलर ने उन्हें बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अशोक कुमार नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। उसके खाते में आठ करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन मिला है। अशोक कुमार ने 382 लोगों के नाम बताए हैं। जिसमें उनका नाम शामिल है। उन्होंने उच्चाधिकारी से बात करने के लिए कहा तो कॉलर ने कहा कुछ देर में अधिकारी संपर्क करेंगे।
इसके बाद वीडियो कॉल पर लेकर उन्हें गिरफ्तार करने का डर दिखाया। अगले दिन (31 जुलाई) को पूछा कि तुम्हारे पास कितने बैंक खाते हैं। उनमें कितनी रकम है। उनकी सीबीआई व आरबीआई द्वारा जांच की जाएगी। डर के कारण उन्होंने उसे बैंक खातों की जानकारी दे दी। इसके बाद शातिर ने 10.50 लाख रुपये का सिक्योरिटी बाॅन्ड बनवाने के लिए कहा। जिन्हें बाद में वापस करने के बात कही। उनका कहना है कि शातिरों ने तीन दिन तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर रखा, न कहीं जाने दिया और न सोने दिया। एक अगस्त को उन्होंने बैंक जाकर 10.50 लाख रुपये का बॉन्ड बनवाया, जिसे शातिर ने अपने खाते में ट्रांसफर कराया। इसके बाद कॉल काट दी और संपर्क खत्म कर दिया।