लखनऊ। लखनऊ के मोहनलालगंज में पुलिस की कर्तव्यपरायणता और संवेदनशीलता की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली। एक गर्भवती महिला को लेकर जा रही एम्बुलेंस के ड्राइवर पर कुछ बाइक सवारों ने रास्ते में साइड न देने के कारण हमला कर दिया। इस हमले में ड्राइवर घायल हो गया और गर्भवती महिला की हालत भी बिगड़ने लगी। ड्राइवर ने किसी तरह से पुलिस को फोन किया और मदद मांगी। सूचना मिलते ही दारोगा आशुतोष दीक्षित तुरंत मौके पर पहुंचे।
महिला की हालत गंभीर देखकर उन्होंने तुरंत निर्णय लिया और स्वयं एम्बुलेंस का नियंत्रण संभाल लिया। अपनी पूरी त्वरितता और जिम्मेदारी के साथ, दारोगा आशुतोष दीक्षित ने एम्बुलेंस को तेजी से अस्पताल पहुंचाया। समय पर अस्पताल पहुंचने के कारण डॉक्टरों ने महिला का सफलतापूर्वक इलाज किया, और कुछ ही देर बाद महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
डॉक्टरों का कहना था कि यदि एम्बुलेंस थोड़ी भी देर और हो जाती, तो बच्चे की जान बचाना कठिन हो सकता था। दारोगा आशुतोष दीक्षित की सूझबूझ, तत्परता और मानवता ने एक माँ और उसके नवजात बच्चे की जान बचाई। इस घटना ने पुलिस के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को और मजबूत किया है, क्योंकि दारोगा आशुतोष दीक्षित ने अपने कर्तव्य को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया।