शिवपुरी। जिले के बरखड़ी गांव में गत दिनों दो दलित युवकों का चेहरा काला करने और गले में जूते चप्पल की माला पहनाकर जुलूस निकालने के मामले में जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रशासन की टीम गुरुवार सुबह 9 बजे आरोपितों के घर पहुंची और बुलडोजर चलाकर उनके घरों के अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया।
गौरतलब है कि गत 30 जून को ग्राम बरखाड़ी में विशेष समुदाय के कुछ लोगों ने गांव की एक युवती से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए दो दलित युवकों अनुज जाटव व संतोष केवट के साथ दुर्व्यवहार किया था। इन युवकों पर आरोप था कि ये दोनों युवक गांव की एक युवती को परेशान कर रहे थे। इन्हें सबक सिखाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से गांव में बुलाया गया और पकड़ कर मारपीट की गई। इसके बाद इनके चेहरे पर कालिख पोतकर और गले में जूते की माला डालकर जुलूस निकाला गया। बाद में इन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया। दो दिन बाद इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
पुलिस ने जब युवकों से पूछताछ की तो उन्होंने छेड़छाड़ से इनकार किया। पुलिस की पड़ताल में भी लड़की के साथ छेड़छाड़ का आरोप सिद्ध नहीं हो पाया। जिस समय घटना हुई, युवती वहां मौजूद नहीं थी। युवकों की युवती से केवल फोन पर बात हुई थी। एसपी रघुवंश भदौरिया ने बताया कि इसके बाद युवकों की शिकायत के आधार पर अजमत खान, वकील खान, आरिफ खान, शाहिद खान, इस्लाम खान, रहीशा बानो, साइना बानो के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। एक आरोपित वकील खान को छोड़कर सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वकील खान की तलाश की जा रही है।
इस घटना के बाद भाजपा सहित अन्य संगठनों ने इसे मुद्दा बनाया और सीधी जैसे मामले से जोड़ दिया। इसके बाद प्रशासन तेजी से हरकत में आया और बुलडोजर चलाकर आरोपितों का घर तोड़ दिया।
पीड़ित के भाई ने एसपी से शिकायत कर आरोपितों के मकान तोड़ने और वन भूमि को मुक्त कराने की मांग की थी। पीड़ित के भाई ने बताया कि आरोपित वन भूमि पर अतिक्रमण किए हुए हैं। इसी भूमि के करीब से हमारा रास्ता गुजरता है। आरोपित इस रास्ते को बंद कराना चाहते हैं। इसके लिए ये लोग इस प्रकार की हरकत करते हैं। पहले भी आरोपित जमीन की बाउंड्री पर करंट डालकर कई जानवरों की जान ले चुके हैं।
मामले में वन विभाग के एसडीओ एलविन वर्मन ने बताया कि तीन लोगों ने लगभग तीन हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ था। इसके विरुद्ध 19 सितंबर, 2022 को केस दर्ज किया गया है। वन मंडलाधिकारी ने बेदखली का आदेश दिया था। उनसे कहा था कि स्वेच्छा से अतिक्रमण हटा लें, लेकिन इन लोगों ने अतिक्रमण नहीं हटाया। इसके बाद गुरुवार को वन विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर अतिक्रमण हटा दिया है।