मेरठ। एक परिवार की तीन लड़कियों की अर्थियां उठीं तो इलाके में कोहराम मच गया। परिजन रोते-रोते बेहाल हो गए। बुजुर्ग पिता भी बेटियों को मुखाग्नि देते हुए बिलख पड़े। दोनों मासूम बच्चियों को श्मशान घाट में दफनाया गया।
बता दें कि बुधवार सुबह खाटू श्याम के दर्शन से लौटते समय हरियाणा के झज्जर जिले में भीषण हादसे में कंकरखेड़ा न्यू गोविंदपुरी पीर वाली गली निवासी प्रदीप कुमार कश्यप की बेटी अंजलि, नातिन तृषा और आयु की मौत हो गई थी। जबकि एक और बेटी कीर्ति गंभीर रूप से घायल हो गई थी।
सुबह तीनों शवों को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया तो कोहराम मच गया। अंजलि की माता रमा देवी शवों को देखकर बेहोश हो गईं। आयु और तृषा के पिता विकास बेटियों के शवों से लिपटकर आवाज देते रहे। कहते रहे कि मैं अब किसके सहारे रहूंगा। वो विलाप करते रहे कि मां अस्पताल में जिंदगी से जूझ से रही है। दोनों बेटियां चली गईं।
अंजलि के पिता बेसुध हो गए। वे रोते हुए बस यही कह रहे थे कि अंजलि तो बेटे की तरह सारा फर्ज निभाती थी। अब कौन देखभाल करेगा। बुजुर्ग माता-पिता शवों से लिपटकर बिलखते रहे। तीनों शवों को श्मशान घाट ले जाया गया तो पूरा मोहल्ला रो पड़ा। प्रदीप कुमार ने अंजलि को मुखाग्नि दी।
दोनों बच्चियों के शवों को श्मशान घाट में दफनाया गया। दोनों बच्चियों के पिता विकास ने रोते रोते बस यही कहा कि क्या पता था कि खाटू श्याम के दर्शन करने जा रहे परिवार पर कहर टूटेगा।