मेरठ। जिन हाथों से बेटे आर्यन ने मां-बाप का खून बहाया, उन्हीं से चिता को आग दी। दिनभर वह तबीयत खराब करने का नाटक करता रहा। कभी बिलखता तो कभी बेहोश होने का नाटक करता। उसे अपने किए पर अफसोस नहीं था। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वह बुआ और दादी को ढांढस बंधाता रहा कि तुम ऐसे करोगे तो मेरा क्या होगा।
प्रमोद और ममता का 22 वर्षीय बेटा आर्यन मेरठ कॉलेज से बीएससी कंप्यूटर साइंस कर रहा है। आर्यन गुरुग्राम में कॉल सेंटर में जॉब कर रहा था। एक महीने पहले ही उसकी नई जॉब लगी थी। शनिवार को आर्यन मेरठ आया था। वो तब से यहीं पर था। रात को उसने बहन कनिष्का को फोन करके कहा कि वह गुरुग्राम आ रहा है।
इसके बाद आर्यन स्कूटी से सुबह चार बजे गुरुग्राम पहुंचा। वह अपनी बहन के साथ ही रहता है, लेकिन सोमवार को उसने कहा कि वह दोस्त के साथ रुक रहा है।
ममता मंगलवार को स्कूल नहीं पहुंची तो स्कूल से स्टाफ ने उनको फोन किया। उनका फोन नहीं मिला तो बेटी कनिष्का के मोबाइल पर कॉल की। कनिष्का ने माता-पिता के मोबाइल पर फोन मिलाया तो कोई जवाब नहीं मिला। इस पर उसने आर्यन से बात की। आर्यन ने पड़ोस में रहने वाले शिवम को फोन करके कहा कि उनके घर जाकर देखे कि कोई भी फोन नहीं उठा रहा है। शिवम इसके बाद घर पहुंचा तो घटना की जानकारी हुई।
इसके बाद वह बहन कनिष्का के साथ कार से मेरठ पहुंचा। माता-पिता के शव देखकर वह उल्टी करने लगा। कहने लगा कि ये किसने कर दिया। पुलिस अधिकारियों को उसके नाटक पर पहले ही शक हो गया था। लेकिन माहौल देखकर कुछ कहा नहीं था। लेकिन रात में उसको हिरासत में लेकर जब पूछताछ की तो उसने सब बता दिया। इसके बाद पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया।