Tuesday, November 5, 2024

मुज़फ्फरनगर में ‘स्कूल फीस’ न देने पर 8 अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, दी एस.डी. समेत कई स्कूल भी बनाये गए मुल्जिम !

मुजफ्फरनगर- नगर के 8 अभिभावकों के खिलाफ एक स्कूल ने मुकदमा दर्ज कराया है, इन अभिभावकों पर आरोप है कि इन्होंने कोरोना काल के समय में स्कूल की फीस नहीं दी थी और स्कूल से बिना टीसी लिए किसी और स्कूल में अपने बच्चों का एडमिशन करा दिया था। थाना नयी मंडी में दर्ज कराये गए इस मामले में नगर के ही दी एस.डी.पब्लिक स्कूल समेत कई अन्य प्रमुख स्कूलों को भी 120 बी का मुलजिम बनाया गया है ,जिन्होंने बिना टीसी के इन बच्चों को एडमिशन दिया था।

मामला मुजफ्फरनगर के एमजी वर्ल्ड विजन से जुड़ा हुआ है,एमजी वर्ल्ड विजन ने उन आठ अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है, जिन्होंने कोरोना काल में अपने बच्चों की कुछ महीनों की फीस नहीं दी थी और स्कूल से बिना टीसी लिए,अन्य स्कूलों में एडमिशन करा लिया था। एमजी वर्ल्ड ने उन स्कूलों को भी इस मामले में 120 बी का मुलजिम बनाया है,जिन्होंने एडमिशन दिए थे। पुलिस ने इस मामले में गंभीर धाराओं में  अभिभावकों और स्कूलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया  है।

एमजी वर्ल्ड विजन की प्रधानाचार्य मृणालिनी अनंत ने नगर के निवासी मनोज गुप्ता,दिवेश कुमार,अर्पित चौधरी,सचिन शर्मा, राहुल शर्मा, प्रमोद कुमार, गुलरेज और अनुज गुप्ता के खिलाफ लिखाई गयी एफआईआर में आरोप लगाया है कि  इन सभी अभिभावकों ने उनके स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने की फीस नहीं दी और बिना स्कूल से टीसी लिए नगर के ही अन्य स्कूलों में अपने बच्चों का प्रवेश करा लिया,जिसके चलते पुलिस ने धारा 420,406 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया है और जांच शुरू कर दी है। मुजफ्फरनगर की थाना नई मंडी पुलिस ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मयंक जायसवाल के निर्देश पर यह मुकदमा दर्ज किया है।

इस संबंध में पीड़ित अभिभावकों ने बताया कि कोरोना काल में उन्होंने अपने बच्चों को निकालने के लिए स्कूल से संपर्क किया था लेकिन कई महीने तक उन्हें टरकाया जाता रहा जिसके बाद उन्होंने अपने बच्चों का एडमिशन अलग-अलग स्कूलों में करा दिया था। इन अभिभावकों ने बताया कि जब स्कूल द्वारा उन्हें बकाया फीस के लिए नोटिस दिए गए थे,तो उन्होंने स्कूल से संपर्क भी किया था, पर स्कूल की प्रधानाचार्य  मृणालिनी अनंत ने उनसे कहा था कि तुम्हें अदालत में देखेंगे, वहीं स्कूल के मालिक ने कहा था कि तुम सभी को हम जेल भिजवाएंगे।

इन अभिभावकों का कहना है कि यह स्कूल मुजफ्फरनगर के प्रमुख उद्योगपति सतीश गोयल संचालित करते हैं,सतीश गोयल अपने राजनीतिक और प्रशासनिक रसूख के जरिये इस तरह के कारनामे करते रहते हैं। सतीश गोयल के एमजी पब्लिक स्कूल के खिलाफ भी स्कूल के मुख्य ट्रस्टियों में शामिल स्वर्गीय सुरेंद्र सिंधी का परिवार लगातार शासन प्रशासन से गुहार लगाता रहा है लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय से आदेश आने के बाद भी प्रशासन उसकी जांच नहीं करता है जबकि उसमें करोड़ों रुपए के घोटाले की बात सामने आती है, वहीँ सतीश गोयल के प्रयास पर फीस न देने पर भी मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है।

उन्होंने बताया कि मृणालिनी अनंत ने पिछले साल भी अदालत में इस मामले को लेकर एक वाद दायर किया था, तत्कालीन अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रशांत कुमार सिंह ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। याचिका खारिज करते समय अदालत ने कहा था कि मृणालिनी अनंत द्वारा धारा 156(3) के तहत अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा लिखने का मामला कोई संघेय अपराध नहीं है और फीस वसूली करने के लिए दबाव बनाने के लिए स्कूल यह मुकदमा लिखाना  चाहता है इसलिए यह मुकदमा न्यायालय के मतानुसार दर्ज कराया जाना उचित नहीं है,पर अब एक साल बाद संभवतः  न्यायालय को पुराने फैसले के विषय में तथ्य छुपा कर नई याचिका दायर कर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।

उन्होंने बताया कि एमजी वर्ल्ड विजन ने अपनी याचिका में उन स्कूलों को भी मुलजिम बनाने का अनुरोध किया है जिन्होंने इन बच्चों को अपने स्कूलों में बिना टीसी के प्रवेश दिया है, उन स्कूलों में दी.एस.डी पब्लिक स्कूल,एस.डी.पब्लिक स्कूल और माउंट लिट्रेरा जैसे नगर के प्रमुख स्कूल शामिल है।

अभिभावकों के अनुसार इस संबंध में कानून के जानकारों का कहना है कि अदालत में एक ही प्रकरण में मुकदमा खारिज होने के बाद दोबारा तथ्य छुपा कर यदि ऐसा मुकदमा दर्ज कराया जाता है तो यह धारा 340 के तहत प्रधानाचार्य के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई किए जाने का मामला है, वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कक्षा 5 तक प्रवेश के लिए टीसी जमा कराया जाना बाध्यता नहीं है।

इस संबंध में अभिभावकों ने आज जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी से भी मुलाकात की और उन्हें अपना प्रार्थना पत्र दिया इस पर जिलाधिकारी ने भी किसी भी तरह का अन्याय न होने देने का भरोसा दिलाया है। इस मामले में आगे क्या होता है, यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन देश भर में स्कूल की फीस न देने पर अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने का यह अनोखा मामला जिले में पहली बार सामने आया है।

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