Sunday, November 3, 2024

मुजफ्फरनगर में हॉस्पिटल के साथ घर भी किया सील, कैद हुईं 2 महिलाएं और मासूम बच्चा, हंगामे के बाद खोली सील

मुजफ्फरनगर। जिला प्रशासन की टीम ने एक अस्पताल में सील लगा दी, जिसकी ऊपरी मंजिल पर परिवार भी बंद हो गया, हंगामे के बाद सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप और सीएमओ डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने अस्पताल की ओटी पर सील लगा दी है, जिसमें अब परिवार के आवागमन का रास्ता खोल दिया गया है।

मुजफ्फरनगर में हिमालय मेडिकेयर पर गलत उपचार का आरोप लगाते हुए हंगामा किया गया था, प्रशासन ने अस्पताल पर सील लगा दी थी , लेकिन इस कार्रवाई से अस्पताल की ऊपरी मंजिल पर रहने वाले चिकित्सक के परिवार की दो महिलाएं और 15 दिन का बच्चा घर में ही कैद हो गया। इनके सामने अब बाहर जाने की समस्या खड़ी हो गई । हंगामे के बाद सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप, सीएमओ डॉ. महावीर सिंह फौजदार समेत अन्य अधिकारी पहुंचे और अस्पताल की ओटी पर सील लगाई गई और परिवार के आवागमन का रास्ता खोल दिया है।

शामली रोड स्थित चरथावल बस अड्डे के सामने हिमालय मेडिकेयर अस्पताल और ऊपरी मंजिल पर रहने वाले चिकित्सक के आवास का गेट एक ही है। रविवार को हुए हंगामे के बाद बुधवार को प्रशासन ने अस्पताल के गेट पर ताला लगाकर उसे सील कर दिया था। उस समय घर में दो महिलाएं और एक 15 दिन का बच्चा मौजूद था, जो घर के अंदर ही कैद हो गए। घर में कैद महिला ज्योति ने बताया कि अस्पताल तो हंगामे वाले दिन से ही बंद है। प्रशासन की सील लगाने के बाद से वह डरे हुए हैं। घर में जो रखा है, उसे ही खा रहे हैं। न तो बाहर से दूध आ रहा है और न ही बच्चे की दवाई और अन्य सामान खरीद सकते हैं।

उन्होंने बताया कि प्रशासन ने जब सील लगाई, तो उन्हें पता ही नहीं चला। पड़ोसी सुभाष ने कहा कि यह प्रशासन की बड़ी लापरवाही है। उन्हें देखना चाहिए था कि कोई अंदर तो नहीं है। बिना देखे ही सील लगा दी गई। अब अंदर महिलाओं को खाने-पीने की भी बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उधर, परिवार के बंद होने की जानकारी मिलने की सूचना पर अधिकारी एंबुलेंस लेकर पहुंचे। इस दौरान परिवार ने कहा कि उन्हें बस आने जाने का रास्ता चाहिए। इसके बाद ओटी पर सील लगाई गई।

सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने बताया  कि तीन घंटे तक प्रशासन ने मौके पर रहकर अस्पताल के गेट पर सील लगाई थी। उस वक्त घर में मौजूद महिला या फिर किसी अन्य व्यक्ति की ओर से प्रशासन को कुछ नहीं बोला गया। जिसके कारण टीम को अंदर रहने वाली महिला के बारे में पता नहीं चला। उन्हें अब पता चला तो अस्पताल के ओटी कक्ष को सील किया गया है। उन्होंने बताया कि महिला ने अपने बयान में कहा कि वह सील लगाने के दौरान डर गई थी, जिसकी वजह से उन्होंने कुछ नहीं बोला था।

दर्ज मुकदमे निरस्त करने की मांग-गलत उपचार का आरोप लगातार हॉस्पिटल और चिकित्सकों के खिलाफ सड़क पर हंगामा करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे को निरस्त करने की मांग उठाई। प्रजापति समाज के लोगों ने डीएम से मिलकर ज्ञापन दिया। लोगों ने डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी से सभी मुकदमों को निरस्त किए जाने की मांग की।

उन्होंने कहा कि अंकुर की मौत को लेकर अस्पताल के विरोध में प्रदर्शन किया गया था। उस दौरान किसी भी व्यक्ति ने कोई तोडफ़ोड़ नहीं की थी। उन्होंने कहा कि मुकदमे को न्याय एवं सामाजिक हित में खारिज किया जाए।

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