Monday, May 6, 2024

मुज़फ्फरनगर में वाहन चालकों की हड़ताल से तेल भरवाने को पेट्रोल पंपों पर लगी थी भारी भीड़

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मुजफ्फरनगर। देर रात हड़ताल खत्म हो गयी है लेकिन उससे पहले वाहन चालकों की हड़ताल का व्यापक असर जनजीवन पर पड़ने लगा था । दूसरे दिन पेट्रोल पंपों पर तेल भरवाने के लिए लंबी कतारें लगी थी । बस अड्डे से रोडवेज बसों का संचालन पूरी तरह प्रभावित रहा। हिट एंड रन कानून में सख्ती बढ़ाए जाने के बाद चालकों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी थी। रोडवेज और निजी बसों के नहीं चलने से यात्रा इधर-उधर भटकते रहे। शाम होते ही पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ लग गई। कई जगहों पर तेल खत्म होने की स्थिति भी आ गई।

अधिकारियों ने बताया कि मुजफ्फरनगर डिपो से मात्र 18 बसों का संचालन लोकल रूटों के लिए हुआ। दूर-दराज जाने के लिए यात्रियों को सुविधा नहीं मिल सकी। अनेक स्थानों पर यात्री बसों का इंतजार करते रहे। ट्रांसपोर्टरों को भी दो दिनों में 65 लाख का नुकसान हुआ । यहां से विभिन्न जिलों के लिए भेजी जाने वाली सब्जी की सप्लाई नहीं हो सकी, जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई । वह लोकल में सस्ते दामों में सब्जी बेचने को मजबूर थे।

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जिले में वाहन चालकों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही। ट्रांसपोर्ट कारोबारियों का कहना है कि जिले में तीन दिन के अंदर करीब 20  करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। शहर के पंपों पर पेट्रोल और डीजल खत्म होने के कगार पर है। दूसरी ओर रोडवेज बसों के चालक काम पर लौट आए हैं। अनुबंधित बसों का करार खत्म करने की चेतावनी के बाद वह काम पर लौट आये थे । परिवहन विभाग ने अनुबंध करार खत्म करने का चेतावनी पत्र मंगलवार को ही जारी किया था।

मोरना में भी हिट एन्ड रन कानून के विरोध में जारी हड़ताल को लेकर आम आदमी में पेट्रोल व डीजल को खरीदने को लेकर आपा-धापी मची रही, वाहनो में ईन्धन भराने को लेकर पेट्रोल पम्प्स पर भीड़ लगी रही। वहीं यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मोरना क्षेत्र में मंगलवार को पेट्रोल पम्प्स भारी भीड़ के बीच पेट्रोल-डीजल लेने में आपाधापी देखने को मिली। वही बस सेवा बन्द होने से यात्री डग्गामार वाहनो में यात्रा करने को मजबूर हुए।

दरअसल दुर्घटना होने के बाद मौके से वाहन को लेकर फरार होने पर कड़ी सजा के कानून को त्रुटि पूर्ण बताते हुए वाहन चालकों द्वारा कानून के विरोध में जारी हड़ताल जारी थी, जिसके चलते मंगलवार यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। अब पेट्रोल पंपों पर तेल खत्म होने की अफवाहों से आम आदमी डीजल व पेट्रोल लेने के लिए पेट्रोल पंपों की और दौड़ पड़े।

मंगलवार शाम को मोरना क्षेत्र के पेट्रोल पम्प्स  पर ईन्धन लेने के लिए आपा-धापी मची रही, वही जानसठ व मुजफ्फरनगर जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

डग्गामार वाहनों की रही चांदी-ट्रक में बस वालों की हड़ताल का असर अब आम आदमी पर भी दिखने लगा था। जहां यात्रा करने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, वही यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाकर डग्गामार वाहन यात्रियों से ज्यादा किराया वसूल रहे थे।

मीरापुर में हिट एंड रन कानून के खिलाफ मुजफ्फरनगर, जानसठ, मीरापुर, मवाना बस यूनियन का दूसरे भी बस अड्डे पर धरना जारी रहा। क्षेत्र के समस्त बस व ट्रक चालको के साथ भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने एकजुट  होकर दुर्घटना कानून को काला कानून बताते हुए बस अड्डे पर दरी बिछाकर बैठ गये तथा कानून को वापस नहीं लिये जाने तक बसों का परिचालन बंद करने का ऐलान किया।\

भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10  साल तक कैद का प्रावधान किया गया है। मीरापुर बस यूनियन चालकों ने हिट एंड रन कानून को काला कानून बताते हुए बस स्टेण्ड पर बसों का परिचालन बंद कर दिया। चालको का कहना है कि बस चालक बहुत ही कठिनाई से अपना जीवन यापन करते हैं, ऐसे में उन्हें सजा हो गई, तो परिवार का क्या होगा और वह जुर्माना कहां से देंगे।

चालको ने बताया कि हमारी मांग जब तक पूरी नहीं की जाएगी, तब तक बसों का परिचालन बंद रहेगा। बसों व ट्रकों का आवागमन बंद होने से खादय सामग्री व अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति पर असर पडने लगा है। यदि बसों व ट्रकों का परिचालन ज्यादा दिन बंद रहा तो लोगों को दैनिक उपयोग की चीजों की किल्लत हो सकती थी। दूध, फल और सब्जी जैसी रोजमर्रा की चीजों की बाजार में आवक कम हो सकती थी , जिस कारण उनके मूल्यों में भी वृद्धि हो सकती है।

कस्बे के पेट्रोल पम्प पर पेट्रोल और डीजल की होने वाली किल्लत को देखते हुए लोगों की पेट्रोल पंप पर भीड़ उमड़ रही थी। आशंका थी कि स्थिति और खराब हो सकती है, क्योंकि पेट्रोल-डीजल लाने वाले टैंकर भी हड़ताल में शामिल थे । प्राइवेट बसों का परिचालन बंद होने से कस्बे के बस अड्डे पर यात्रियों की भारी भीड देखने को मिली। बडी संख्या में यात्री बसों की प्रतीक्षा करते नजर आये। कुछ यात्री अपने निजी वाहनो से यात्रा करते नजर आये, तो कुछ यात्री रोडवेज की सहायता से यात्रा करने को मजबूर हैं। बस चालकों द्वारा किये गये चक्का जाम में भारतीय किसान यूनियन तोमर के कार्यकर्ता भी शामिल हो गये है।

भाकियू तोमर के जिलाध्यक्ष अखिलेश चौधरी ने बताया कि एक्सीडेंट की घटना ड्राइवर कभी भी जानबूझकर नहीं करते हैं। वाहन चालक के विरूद्ध एक्सीडेंट करने पर कानून में किये जा रहे संशोधन को निरस्त किया जाए। सरकार द्वारा जो जुर्माना और सजा का प्रावधान किया है, इसमें गरीब ड्राइवर कहां से राशि जमा भरेंगे और दस साल की सजा होने पर परिवार का भरण पोषण कैसे होगा। उन्होंने कहा कि जब तक यह काला कानून वापस नहीं होगा, तब कि बस चालकों के साथ भाकियू तोमर के कार्यकर्ता भी चक्का जाम में शामिल रहेंगे।

इस दौरान चौ. गुलबीर सिंह, सतीश चौधरी, काशिफ, सुबोध चौधरी, पीयूष चौधरी, सोनू मेवाती आदि भाकियू कार्यकर्ताओं के साथ बस यूनियन के अध्यक्ष मौ. आरिफ, महासचिव कुलदीप सिंह, दीनदयाल, मौ. अली, तौसम, राजेश, आमिल, राजू, गुलजार, हनीफ, गुड्डू, इसरार, सेठी, इसराईल, सिराजू, नौशाद, सलीम व जानू आदि मौजूद रहे।

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