सहारनपुर। सहारनपुर जिले में 10 अप्रैल से दस्तक अभियान चल रहा है। जिसमें अब तक स्वास्थ्य विभाग की 3129 टीमों ने 2,71,100 घरों में दस्तक दी। इस दौरान बुखार के साथ-साथ 137 कुपोषित बच्चों की पहचान की गई। इनमें से 13 अतिकुपोषित बच्चों को जिला अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कराया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव मांगलिक ने बताया कि 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान चलाया जा रहा है। 19 अप्रैल तक 930 मातृ बैठक, पानी शुद्ध के लिए 1188 क्लोरीनेशन डेमो किए गए। 90 बुखार के रोगियों की पहचान हुई। जागरुकता के लिए 2592 प्रभातफेरी, 876 ग्राम प्रधानों की बैठक, 2730 नालियों की सफाई कराई गई। नगर निगम ने 70 वार्डों में नालियों की सफाई व फॉगिंग रोस्टर के अनुसार रोजाना कराई जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 137 कुपोषित बच्चे चिह्नित किए गए, जिनमें से 13 अति कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया गया। पशुपालन विभाग ने 1951 शूकर पालकों की बैठक कराई।
कृषि विभाग ने चूहों व छछूंदर की रोकथाम के लिए 653 बैठक की। जिला मलेरिया अधिकारी शिवांका गौड़ ने बताया कि दस्तक अभियान में अभी तक 38,998 आभा आईडी बनाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि मलेरिया, डेंगू एवं डायरिया का मुख्य कारण गंदगी व दूषित जलभराव है। जितने भी संक्रामक रोग हैं उनके असली जड़ मच्छर हैं और मच्छर गंदगी के स्थान पर ही पैदा होते हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि वह कूलर में भी अधिक दिनों तक पानी को जमा नहीं होने दें।