मुंबई/नई दिल्ली। आयकर विभाग ने सोमवार को विवाद के चलते विश्वास योजना के तहत कर बकाया का निर्धारण करने और ब्याज तथा जुर्माने की छूट के लिए जानकारी दाखिल करने की तारीख 31 जनवरी तक बढ़ा दी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इससे संबंधित परिपत्र संख्या 20/2024 जारी किया है।
आयकर विभाग ने ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी एक बयान में बताया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से जारी एक परिपत्र में विवाद के चलते विश्वास योजना के तहत देय राशि निर्धारित करने की नियत तारीख 31 दिसंबर, 2024 से बढ़ाकर 31 जनवरी, 2025 कर दी गई है। सीबीडीटी ने 30 दिसंबर, 2024 को जारी अपने प्ररिपत्र में प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना, 2024 की धारा 90 में निर्दिष्ट तालिका के कॉलम (3) के अनुसार देय राशि निर्धारित करने की नियत तिथि को 31 दिसंबर, 2024 से बढ़ाकर 31 जनवरी, 2025 कर दिया है।
सीबीडीटी की जारी परिपत्र के अनुसार एक फरवरी, 2025 या उसके बाद की जाने वाली घोषणाओं पर विवादित कर मांग का 110 फीसदी करदाता को भुगतान करना होगा। इस योजना का लाभ वे करदाता उठा सकते हैं जिनके मामले में विवाद है/अपील दायर की गई हैं। इसमें रिट और विशेष अनुमति याचिकाएं (अपीलें) शामिल हैं। चाहे वे टैक्सपेर्यस या कर अधिकारियों की ओर से दायर की गई हों। इसमें वे मामले भी शामिल हैं, जो 22 जुलाई, 2024 तक सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण, आयुक्त/संयुक्त आयुक्त (अपील) के समक्ष लंबित हैं।
उल्लेखनीय है कि करीब 35 लाख करोड़ रुपये की लगभग 2.7 करोड़ प्रत्यक्ष कर मांगों पर विभिन्न कानूनी मंचों पर विवाद चल रहा है। विवाद से विश्वास योजना, 2024 की घोषणा 23 जुलाई को पेश वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में की गई थी। ये योजना एक अक्टूबर, 2024 से अमल में आई। प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना, 2024 के मूल नियमों के अनुसार, 31 दिसंबर, 2024 से पहले घोषणा दाखिल करने वाले करदाताओं को विवादित कर मांग का 100 फीसदी भुगतान करना पड़ता। ऐसे मामलों में ब्याज और जुर्माना माफ करने का प्रावधान किया गया है।