अहमदाबाद। आमदनी अठन्नी हो और करोड़ों का इनकम टैक्स भरने का नोटिस मिल जाए तो क्या होगा। गुजरात के पाटण जिले में चाय बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले खेमराज दवे के साथ ऐसा ही कुछ हुआ। छोटी सी दुकान में चाय बनाने वाले दवे को आयकर विभाग ने 49 करोड़ रुपए भरने का नोटिस भेजा है।
अब उन्हें वकीलों और पुलिस के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। मूलरूप से बनासकांठा जिले के रहने वाले खेमराज दवे पाटण के नवागंज स्थित बाजार समिति की मंडी में चाय बेचने का काम करते हैं। इसी दौरान उनकी जान पहचान बाजार में आढ़त चालने वाले अल्पेश और विपुल पटेल से हुई। दोनों दवे की दुकान पर चाय पीने के लिए आते थे। कक्षा सातवीं तक पढ़े दवे ने बैंक खाते को पैन कार्ड से लिंक करवाने के लिए उनसे मदद मांगी। फिर फोटो के साथ आधार और पैन कार्ड पटेल बंधुओं को दे दिए। कुछ ही दिनों के बाद दवे को आधार और पैन कार्ड वापस मिल गया।
दवे की मानें तो इस दौरान उनसे कुछ कागजों पर दस्तखत करवाए गए। साल 2023 तक सबकुछ ठीक चलता रहा, लेकिन अगस्त महीने में आयकर की तरफ से दवे को इनकम टैक्स का नोटिस आया। यह नोटिस अंग्रेजी भाषा में था। नोटिस को दवे नहीं पढ़ पाए, जब फिर दोबारा नोटिस आया तो दवे ने सुरेश जोशी नाम के एक वकील से संपर्क किया तो पता चला कि 2014-15 और 2015-16 वित्त वर्ष में अवैध लेनदेन के लिए आयकर विभाग ने पेनल्टी लगाई है। दवे ने अपने खाते की जांच की और पासबुक भी प्रिंट करवाई। इसमें ऐसा कुछ सामने नहीं आया।
इसी दौरान बैंक अधिकारी ने बताया कि दवे के नाम पर एक और खाता चल रहा है। यह सुनकर दवे के पैरों के नीचे जमीन खिंसक गई। पैन कार्ड पर अलग-अलग खाते खोले गए थे। कुछ लोगों ने उन्हें मेहसाणा के वकील के पास जाने को कहा। अल्पेश और विपुल ने उन्हें धमकाया कि अगर किसी और को यह पूरा वाकया बताया तो वे फंसा देंगे। चाय बेचने वाले खेमराज के सामने कोई रास्ता नहीं बचा तो उसने आखिर में पाटण पुलिस से संपर्क कर अल्पेश और विपुल पटेल के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया।
दवे ने आरोप लगाया है कि दोनों ने उसके नाम पर खाता खोलकर वित्तीय लेनदेन किए। जिसके चलते अब उसके सामने 49 करोड़ रुपये का नोटिस आयकर विभाग से आया है। दवे ने पाटण पुलिस के बी स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करवाकर इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। दवे के परिवार में पत्नी दो लड़कों के साथ एक बेटी है।