नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किला में संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में नौ से 15 दिसंबर तक इंडिया आर्ट, आर्किटेक्चर एंड डिजाइन प्रदर्शनी बीनाले-2023 आयोजित की जाएगी। यह प्रदर्शनी हर दिन अलग अलग थीम पर आधारित होगी। इसमें ऐतिहासिक अलंकृत दरवाजों, प्राचीन भव्य मंदिरों, ऐतिहासिक बावड़ी, समृद्ध वस्त्र डिजाइन, भारत की वास्तुकला में महिलाओं की भूमिका, आजाद भारत की आधुनिक कला, और कलात्मक बगीचे की वास्तुकला को शामिल किया गया है।
लाल किला के इस आयोजन को पांच राज्यों में भी ले जाएगा और यह हर दो साल में आयोजित होगा। पहले इंडिया आर्ट, आर्किटेक्चर एंड डिजाइन बीनाले (आईएएडीबी) में सात “विशेष रूप से क्यूरेटेड” विषयगत प्रदर्शनियां शामिल होंगी जिसमें 400 से साल से अधिक पुराने वास्तुकला को करीब से देखने का मौका मिलेगा। शनिवार शाम राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में आयोजित इंडिया आर्ट, आर्किटेक्चर एंड डिजाइन प्रदर्शनी के लोगो का अनावरण किया गया।
इस मौके पर केन्द्रीय संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी से भारत की कला, वास्तुकला के क्षेत्र में समृद्ध और इतिहास के साथ देश दुनिया की कला की कला एवं परंपराओं को जानने समझने का मौका मिलेगा। इस बीनाले के माध्यम से वास्तुकला के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका के बारे में भी समझा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि कला-संस्कृति दुनिया को एक-दूसरे से जोड़ते है। 19वीं-20वीं शताब्दी तक मिडल ईस्ट में भारत से दरवाजे जाया करते थे। भारत अपनी कलाकृतियों के लिए मशहूर था। इस क्षेत्र में बड़ा व्यापार हुआ करता था। इस मंच से महिला वास्तुशास्त्री के साथ देश दुनिया के नए वास्तुशास्त्रियों को भी इस मंच से पहचान मिलेगी। लाल किला में ब्रिटिश काल के बैरक में आयोजित होने वाली इस प्रदर्शनी में देश-विदेश के वास्तुशास्त्री, इतिहासकार, इससे जुड़े विशेषज्ञ भाग लेंगे।