नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को टोक्यो में कहा कि सेमीकंडक्टर और मजबूत सप्लाई चेन, रेयर अर्थ एक्सट्रैक्शन, स्पेस टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग में भारत और जापान के बीच सहयोग के कई अवसर हैं।
दास ने टोक्यो चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में अपने संबोधन में कहा, “मानव संसाधन के क्षेत्र में भी हमारी साझेदारी संभावित रूप से मजबूत हो सकती है। मुझे यकीन है कि भविष्य पूरी दुनिया के लाभ के लिए हमारी भागीदारी को गहरा करने की असीमित संभावनाएं प्रदान करता है।”
भारत अपनी युवा जनसांख्यिकी, भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार और सबसे बढ़कर, एक सक्षम नीति वातावरण के साथ वैश्विक विकास का नया इंजन बन गया है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में जापान और भारत स्वाभाविक साझेदार बने रहेंगे।
दास ने कहा, “हम जापानी ‘आर्थिक चमत्कार’ को एक सीखने के अवसर के रूप में देखते हैं। हम भारत के विकास पथ को ऊपर उठाने के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं। जापान ने कई सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की साझेदारियों से भारत में बुनियादी ढांचे के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
उन्होंने कहा, “भारत हमारे दोनों देशों के लिए विकास और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत के लिए जापान को एक करीबी भागीदार के रूप में देखता है।”
भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत पर प्रकाश डालते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश की विकास दर पटरी पर बनी हुई है, मुद्रास्फीति नरमी की राह पर है, हालांकि यह अभी भी टारगेट से ऊपर है। बैंकों और कॉरपोरेट्स की बैलेंस शीट लंबे समय में सबसे स्वस्थ हैं और सरकार द्वारा सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने के साथ, वे निवेश में निरंतर पुनरुद्धार के लिए अनुकूल स्थितियां बनाते हैं।
“कंज्यूमर कांफिडेंस महामारी के बाद से बढ़ रहा है। हम सेवा क्षेत्र में निर्यात के अवसरों का लाभ उठा रहे हैं; हमारा चालू खाता घाटा पूरी तरह से लिमिट के अंदर है; और हमने संभावित परिस्थितियों से निपटने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाया है।”