नयी दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत कृषि, स्वास्थ और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही एआई मिशन शुरू करने की तैयारी में है।
श्री मोदी ने एआई के क्षेत्र में सावधानी के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों पर एआई का गहरा असर पड़ने जा रहा है। एआई के अंधेरे पक्षों की ओर से संभावित चुनौतियों और खतरों से बचाव की जरूरत है। प्रधानमंत्री यहां एआई पर वैश्विक भागीदारी शिखर सम्मेलन जीपीएआई (2023) का उद्घाटन कर रहे थे। उद्घाटन सत्र को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी संबोधित किया और इसमें राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर भी उपस्थित थे।\
श्री मोदी ने कहा ,“ प्रौद्योगिकी के साथ लोकतांत्रिक मूल्य जुड़ जाते हैं तो उसका लाभ कई गुना बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि एआई सिर्फ एक नयी प्रौद्योगिकी नहीं है इसलिए हमें इस पर मिलकर काम और पारदर्शिता के साथ काम करने की जरूरत है।अगर हम इस्तेमाल हो रहे डाटा और एल्गोरिद्म को पारदर्शी तथा भेदभाव से मुक्त कर सकें तो यह इस दिशा में एक अच्छी शुरुआत होगी।”
उन्होंने कहा कि एआई 21वीं शताब्दी में विकास का सबसे बड़ा हथियार बन सकता है तो यह इस शताब्दी को तबाह करने में भी बड़ी भूमिका निभा सकता है। एआई के जरिए प्रस्तुत ‘डीपफेक’ (सत्य सी दिखने वाली फर्जी सामग्री या डाटा) पूरी दुनिया के सामने है। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा, डाटा की चोरी और आतंकवादियों के हाथ में एआई टूल के आने का भी खतरा है। ऐसे में दुनिया को एआई के नैतिक उपयोग के लिए वैश्विक नियम तैयार करने की जरूरत है
प्रधानमंत्री ने जीपीएआई शिखर सम्मेलन में विश्व भर से जुटे प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा है कि यह सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है जब एआई को लेकर दुनिया में बहुत बड़ी बहस छिड़ी हुई है जिसमें इसके सकारात्मक और नकारात्मक हर प्रकार के पहलू सामने आ रहे हैं। इसलिये इस सम्मेलन से जुड़े प्रत्येक देश पर बहुत बड़ा दायित्व है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन में उभरे विचारों और सुझावों से एआई के खतरों और चुनौतियों का सामना करने से बचाव ढूंढने में मदद मिलेगी।
श्री मोदी ने कहा, “ भारत आज एआई और इसके विभिन्न उपखंडों में अग्रणी देशों में शामिल है। हम इसके माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं। हमने हाल में कृषि क्षेत्र में एक एआई चेक पोर्टल (जांच पोर्टल) शुरू किया है। जिसमें किसान सरकारी योजनाओं की जानकारी, भुगतान मिलने के ब्यौरे तथा आवेदनों की स्थिति को देख सकते हैं।”
प्रधानमंत्री ने भारत में कृषि और स्वास्थ तथा शिक्षा के क्षेत्र में एआई को प्रोत्साहित करने के लिए मिशन शुरू करने की तैयारियों का उल्लेख करते हुए कहा, “ हमारा राष्ट्रीय एआई पोर्टल इस पहल के लिए महत्वपूर्ण होगा।”
श्री मोदी ने कहा, “हमें दुनिया को यकीन दिलाना होगी कि एआई उनके लाभ के लिए है। हमें विभिन्न देशों को यह भी विश्वास दिलाना होगा कि एआई प्रोद्योगिकी विकास यात्रा में कोई पीछे नहीं छूटेगा। एआई पर विश्वास तब बढ़ेगा जब एआई से जुड़े नैतिक और आर्थिक चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा।”
श्री मोदी ने कहा कि एआई के विकास यात्रा को अधिक समावेशी बनाकर समाज के लिए अच्छे परिणाम हासिल किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा,“ पिछले दशकों में प्रौद्योगिकी तक पहुंच में विषमता के नुकसानों को से सीख लेते हुए हमें समाज को ऐसे हानि से बचाना चाहिए।”