सलालाह (ओमान)- भारत ने एशियाई हॉकी में एक बार फिर अपना वर्चस्व कायम करते हुए गुरुवार को लगातार दूसरी बार पुरुष जूनियर एशिया कप 2023 जीत लिया।
भारत ने यहां खेले गये फाइनल में चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को 2-1 से हराकर खिताब हासिल किया। अंगद बीर सिंह ने 13वें मिनट में गोल करके भारत का खाता खोला, जबकि अरिजीत सिंह हुंदल ने 20वें मिनट में भारत की बढ़त दोगुनी की। अली बशारत ने 38वें मिनट में गोल करके पाकिस्तान को वापस लाने का प्रयास किया, लेकिन इसके बाद पाकिस्तानी टीम एक बार भी गेंद को नेट में नहीं पहुंचा सकी।
भारत ने कुल चौथी बार और लगातार दूसरी बार जूनियर हॉकी पुरुष एशिया कप जीता है। इससे पहले 2015 में भी भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर एशिया का ताज अपने सिर सजाया था।
पाकिस्तान को एक बार फिर परास्त करने उतरे भारतीय युवाओं ने मुकाबले की ज़ोरदार शुरुआत की, हालांकि स्कोरशीट पर खाता खोलने के लिये उसे कुछ देर इंतजार करना पड़ा। भारतीय टीम पहले और छठे मिनट में मिली पेनल्टी कॉर्नर पर गोल नहीं कर सके। दोनों ही मौकों पर पाकिस्तानी गोलकीपर ने शानदार रक्षण किया।
मैच के 12वें मिनट में चिरमाको का एक शॉट गोलपोस्ट के ऊपर से निकल गया, लेकिन कुछ देर बाद अंगद ने हुंदल के शॉट को दिशा दिखाते हुए गोल में पहुंचाकर पहला क्वार्टर समाप्त होने से पहले भारत को बढ़त दिला दी।
पहले क्वार्टर में पिछड़ने के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की नीति अपनाई, हालांकि भारत के मुस्तैद रक्षण ने उसे सफलता हासिल नहीं करने दी। इसके बजाय दूसरे क्वार्टर के पांचवें मिनट में हुंदल ने पाकिस्तानी सर्किल को भेदकर भारत का दूसरा गोल कर दिया। हाफ टाइम से पहले दोनों टीमों को एक-एक पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन कोई भी स्कोरबोर्ड में बदलाव नहीं ला सका।
तीसरे क्वार्टर में बढ़ते हुए पाकिस्तान को गोल की सख्त जरूरत थी जो उसे अली बशारत ने दिलाया। भारतीय सर्किल में खड़े बशारत ने शाहिद अब्दुल के पास को गोलपोस्ट में धकेलकर स्कोर 1-2 कर दिया। पाकिस्तानी डिफेंडर मोहम्मद ने तीसरा क्वार्टर समाप्त होने से पहले तीन भारतीय खिलाड़ियों के विरुद्ध शानदार रक्षण करते हुए भारत को मुकाबले में अत्यधिक आगे नहीं निकलने दिया।
पाकिस्तान ने अंतिम क्वार्टर में बराबरी के गोल की पुरज़ोर तलाश की, हालांकि भारतीय डिफेंस उसके लिये अभेद्य साबित हुआ। पाकिस्तानी युवा 50वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदल सकते थे लेकिन शशिकुमार ने बेहतरीन प्रयास करते हुए उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। मैच के 54वें मिनट में भी पाकिस्तान को पेनल्टी कॉर्नर मिला और शशिकुमार एक बार फिर अभेद्य दीवार बनकर खड़े हो गये।
अंततः, 60वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर गोल न करने के बावजूद भारत ने यह मुकाबला 2-1 से जीत लिया।