नई दिल्ली। भारतीय मेडिकल डिवाइस सेक्टर का आकार 2030 तक बढ़कर 30 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। यह बयान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने गुरुवार को दिया। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के 21वें स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पटेल ने कहा कि जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद भारत एशिया में चौथा सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस बाजार है।
भारत दुनिया के शीर्ष 20 वैश्विक मेडिकल डिवाइस बाजारों में भी शामिल है। पटेल ने आगे कहा कि भारत में मेडिकल डिवाइस सेक्टर को एक उभरते सेक्टर के रूप में मान्यता प्राप्त है, क्योंकि देश की बढ़ती हेल्थकेयर आवश्यकताओं, टेक्नोलॉजी इनोवेशन, सरकारी समर्थन और उभरते बाजार अवसरों के कारण इसमें अपार विकास की संभावनाएं हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय मेडिकल डिवाइस सेक्टर का साइज करीब 14 अरब डॉलर का है, जो 2030 तक बढ़कर 30 अरब डॉलर होने का अनुमान है ।
राज्य मंत्री ने कहा कि मेडटेक उद्योग एक मजबूत और अधिक न्यायसंगत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने के लिए रोगियों, भुगतानकर्ताओं, प्रदाताओं और नियामकों को जोड़ने वाले कैटालिस्ट के रूप में कार्य करता है। उन्होंने 400 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मेडिकल डिवाइस पार्कों को बढ़ावा देने की सरकारी योजना के शुभारंभ के बारे में भी बताया, जिसमें उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 100-100 करोड़ रुपये प्रदान किए गए है।
इसके अलावा कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मेडिकल डिवाइस इकोसिस्टम को मजबूत करने, घरेलू विनिर्माण और अनुसंधान को बढ़ावा देने, कौशल विकास को बढ़ाने और वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में भी बताया। पटेल ने स्वास्थ्य सेवा में एआई इनोवेशन पर भी प्रकाश डाला, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं को सुविधाजनक बनाने और चुनौतियों से निपटने के साथ नए अवसरों की खोज करने के लिए नए तरीके बनाए जा सकें।”