शामली। जनपद के शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कलंदरशाह पंसारियान में शुक्रवार सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक कच्चे मकान का लैंटर भरभराकर गिर गया। हादसे में चारपाई पर सो रही महिला और उसकी तीन बेटियां मलबे में दबकर गंभीर रूप से घायल हो गईं। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और मलबा हटाकर घायलों को बाहर निकाला। सभी को लहूलुहान अवस्था में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।
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पीड़ित परिवार मूल रूप से मजदूरी कर गुजर-बसर करता है। मकान में रहने वाले साजिद मजदूरी के सिलसिले में शहर से बाहर गया हुआ था। घर में उसकी पत्नी रेशमा और तीन बेटियां – नगमा, माफिया और सोनम – रह रही थीं। रेशमा अकसर रात में अपनी मां शमशीदा के घर सोने चली जाती थी। शुक्रवार सुबह वह अपनी तीनों बेटियों के साथ वापस किराए के मकान में लौटी और चारपाई पर लेट गई। कुछ देर बाद ही मकान की जर्जर छत का कच्चा लैंटर भरभराकर गिर पड़ा, जिससे चारों मलबे में दब गईं।
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मौहल्लेवालों की तत्परता से घायलों को मलबे से बाहर निकाल कर तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। रेशमा और उसकी बेटी सोनम की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती रखा गया है, जबकि नगमा और माफिया को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
बताया जा रहा है कि इसी मोहल्ले में इससे पहले भी एक जर्जर मकान की छत गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद जर्जर मकानों की कोई नियमित जांच नहीं कराई जा रही है।
स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि शहर में ऐसे सभी कच्चे और जर्जर मकानों की तत्काल जांच कराई जाए, जिनमें गरीब और असहाय लोग किराए पर रह रहे हैं। समय रहते ऐसी कार्रवाई न होने पर किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता। मौहल्ले वालों का कहना है कि इलाके में अभी भी कई ऐसे मकान हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं।