रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि उनकी सरकार 2027 तक राज्य में 20 लाख गरीबों को तीन कमरे वाला आवास देगी। इन आवासों में रसोई और शौचालय भी अलग से होंगे। इसे ‘अबुआ आवास’ योजना का नाम दिया गया है। हमने केंद्र सरकार से आठ लाख गरीबों के लिए आवास मांगे थे, लेकिन, उन्होंने इसके लिए पैसा देने से इनकार कर दिया, तब, हमने अपने फंड से अबुआ आवास योजना शुरू की है।
सोरेन ने इन बातों का जिक्र मंगलवार को खूंटी जिले के तोरपा में योजना के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र प्रदान करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किया।
उन्होंने कहा, “आज धरती आबा बिरसा मुंडा की धरती पर लाभार्थियों को आवास स्वीकृति पत्र देने का सौभाग्य मिला है। हमने राज्य के गरीबों से जो वादा किया है, उसे पूरा करेंगे।”
सीएम ने बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पहले चावल गायब, दाल गायब, अब थाली भी गायब हो गई। ये लोग कहते हैं, गरीब अब थोड़ी ही संख्या में बचे हैं। पता नहीं कौन लोग बताते हैं कि देश में गरीब खत्म हो गए। उन्हें झारखंड का खनिज दिल्ली से बैठकर दिखता है, लेकिन, यहां की गरीबी नहीं दिखती है।
सोरेन ने कहा कि आज देश का सारा पैसा इकट्ठा करने का जिम्मा केंद्र सरकार ने ले रखा है। हर चीज में टैक्स है। टैक्स का सारा पैसा केंद्र सरकार के पास जा रहा है। पहले तो राज्य सरकार को भी मिलता था। हम गरीब को आवास देंगे, अनाज देंगे, पेंशन देंगे, तो वो पैसा कहां से आएगा ? हमारे राज्य के खनिज से पूरा देख जगमगाता है, लेकिन, यहां के लोग अंधकार में रहते हैं। बड़ी विचित्र स्थिति बन गई है।