लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना’ आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने का कार्य करेगी। इससे भारत की छिपी हुई कारीगरी और हुनर को नया मंच मिलेगा। आने वाले समय में अपने हस्तशिल्पियों और कारीगरों के बल पर भारत एक बड़ी ताकत के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि यह योजना ‘वोकल फार लोकल’ को प्रोत्साहित करने का कार्यक्रम है।
मुख्यमंत्री योगी ने रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सृष्टि के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा जयंती और नए भारत के शिल्पी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिवस एक ही दिन पड़ना कोई संयोग नहीं बल्कि दैवयोग है। इसके लिए उन्होंने प्रदेशवासियों को बधाई दी।
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नया भारत 140 करोड़ लोगों की आशा और आकांक्षाओं का प्रतीक बनकर दुनिया की एक महाशक्ति के रूप में उभरा है। आज नया भारत संपूर्ण मानवता के लिए आशा की एक नई किरण है। उन्होंने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के जरिए भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी ताकत का एहसास पूरी दुनिया को कराया है। आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व का लोहा पूरी दुनिया मान रही है।
उन्होंने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में बताया कि इस स्कीम का लाभ परंपरागत रूप से जुड़े 18 वर्ष की आयु से ऊपर के हस्तशिल्पियों को मिलेगा। उसे पांच प्रतिशत से कम की दर पर पहले चरण में एक लाख और दूसरे चरण में दो लाख रुपये का लोन प्राप्त होगा। बशर्ते उसके परिवार का कोई सदस्य सरकारी सेवा में न हो। स्कीम के तहत ट्रेनिंग के दौरान 500 रुपये प्रतिदिन का मानदेय और ट्रेनिंग के बाद 15000 रुपये और टूलकिट उपलब्ध करवाने का कार्य सरकार करेगी।
कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना, महापौर सुषमा खरकवाल और विधान परिषद सदस्य डॉ. महेन्द्र सिंह समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।