Saturday, November 2, 2024

भारत का प्रदर्शन विश्व के लिये आदर्श, देश तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर- मोदी

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक अनिश्चितताओं के दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन को विश्व के लिये एक आदर्श बताते हुये मंगलवार को कहा कि भारत महामारी के बाद तेजी से पुनः उच्च आर्थिक वृद्धि की राह पर लौट आया है तथा उनके वायदे के अनुसार, उनके तीसरे कार्यकाल में विश्व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ रहा है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा और भारत सधे हुये कदमों से इस ओर बढ़ रहा है और निकट भविष्य में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ताकत बन जायेगा। श्री मोदी भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ओर से बजट 2024-25 पर यहां विज्ञान भवन में आय़ोजित एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

 

 

मोदी ने कहा, “मैं जिस बिरादरी से आता हूं, उस बिरादरी की पहचान बन गई है कि चुनाव से पहले जो बातें करते हैं, वो चुनाव के बाद भुला देते हैं, लेकिन मैं उस बिरादरी में अपवाद हूं। इसलिए, मैं आपको याद दिलाता हूं कि मैंने कहा था कि मेरे तीसरे कार्यकाल में देश, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। भारत बहुत सधे हुए कदमों से लगातार आगे बढ़ रहा है।”

 

 

सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने प्रधानमंत्री के स्वागत भाषण में कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था का कायाकल्प हुआ है और भारत को विश्व में एक नयी जगह मिली है और भारत आज दुनिया की सबसे तीव्र गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है। उन्होंने विकसित भारत के संकल्प में उद्योग जगत के पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुये, इस बजट में रोजगार प्रोत्साहन जैसी योजनाएं लाने के बारे में उद्योग जगत के सुझावों को शामिल किये जाने के प्रति प्रधानमंत्री का आभार जताया।

 

 

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार जिस बड़े पैमाने और बड़ी रफ्तार से काम कर रही है वह अभूतपूर्व है तथा वैश्विक अनिश्चितता के दौर में भारत में जो आर्थिक वृद्धि दर और राजकोषीय संतुलन कायम रखा है, वह दुनिया के लिये एक आदर्श है। भारत आज विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि में 16 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। उन्होंने कहा विश्वास जताया कि उनकी सरकार ने 10 वर्ष में जो सुधार किये हैं, वे अर्थव्यवस्था को विकसित भारत की तरफ ले जा रहे हैं और 2047 तक विकसित भारत का संकल्प पूरा होगा।

 

प्रधानमंत्री ने भारतीय उद्योग जगत को विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के प्रय़ास में सरकार के साथ न केवल कंधा से कंधा मिलकर काम करने बल्कि सरकार के साथ प्रतिस्पर्धा कर सरकार को पीछे छोड़ने का आह्वान किया।

 

मोदी ने कहा, “आज भारत आठ प्रतिशत की दर से आर्थिक वृद्धि कर रहा है, आज हम विकसित भारत की ओर प्रयाण की बात कर रहे है। वह दिन दूर नहीं, जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन जायेगा।” उन्होंने कहा कि जब उन्होंने 2014 में पहली बार सत्ता संभाली थी, तब प्रश्न था कि अर्थव्यवस्था को कैसे पटरी पर लायें। उससे पहले भारत को पांच दुर्बल अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था और उस समय के सरकार के बड़े-बड़े घोटालों की चर्चा होती थी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत को महासंकट से उबारकर हम इस ऊंचाई पर लाये हैं।” उन्होंने कहा कि मनमोहन सरकार का आखिरी बजट 16 लाख करोड़ रुपये का था, आज वह तीन गुना होकर 48 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। इसी तरह, 2004-14 के बीच पूंजीगत बजट सालाना 90 हजार करोड़ रुपये से दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा था, हमारी सरकार में कैपेक्स (पूंजीगत व्यय) पांच गुना बढ़कर इस बार के बजट में 11 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक रखा गया है। उन्होंने कहा कि हमने कर की दरों में रिकॉर्ड कटौती करने के बावजूद, रेलवे, सड़क और अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के लिये पूंजीगत व्यय बढ़ाया है।

 

उन्होंने कहा, “बात केवल कर घटाने, पूंजीगत व्यय बढ़ाने की ही नहीं बल्कि सुशासन की भी है।” उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में दुनिया की सबसे बड़ी महामारी का संकट आया। कई देशों में बड़ी लड़ाइयां छिड़ीं और देश में सूखा तूफान तथा भूकंप जैसी अनेक प्राकृतिक आपदाएं आयीं।

 

मोदी ने कहा कि यदि यह संकट न होते, तो भारत आज और नयी ऊंचाई पर होता, यह मेरा विश्वास है। उन्होंने कहा कि सरकार कारोबार में आसानी, जीवन में आसानी और उद्योग 4.0 (डिजिटलीकृत औद्योगिक युग) के लिये तमाम कदम उठाये हैं। आज भारत के युवाओं में यह विश्वास बना है कि वह अपने दम पर कुछ कर सकते हैं।

 

 

प्रधानमंत्री ने इस वातावरण के लिये सरकार की मुद्रा योजना, स्टार्टअप, योजना और स्टैंडअप योजना जैसी पहलों का जिक्र करते हुये कहा कि मुद्रा ऋण योजना से आठ करोड़ लोगों ने अपने रोजगार खोले हैं। स्टार्टअप की संख्या 1.40 लाख तक पहुंच गयी है, जिसमें लाखों युवा लगे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट में रोजगार बढ़ाने के लिये दो लाख करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ नयी पहल की गयी है। उससे चार करोड़ युवाओं के लिये रोजगार के अवसर बनेंगे।

 

 

मोदी ने कहा, “मैं इंडस्ट्री को, भारत के प्राइवेट सेक्टर को भी ‘विकसित भारत’ बनाने का सशक्त माध्यम मानता हूं। मैं आप जैसे साथियों को, वेल्थ क्रिएटर्स को भारत का प्रमुख ड्राइविंग फोर्स मानता हूं और मैं लाल किले से भी ये कहने में संकोच नहीं करता हूं।” उन्होंने कहा कि इंटर्नशिप योजना और उद्योगों को कर्मचारी भविष्यनिधि (ईपीएफ) योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन का उल्लेख करते हुये कहा कि वह उद्यमियों को रोजगार सृजन और वृद्धि का इंजन मानते हैं और अपेक्षा है कि उद्योग जगत सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलेगा।

उन्होंने कहा कि भारत हरित ऊर्जा, अंतरिक्ष उद्योग, परमाणु ऊर्जा और ऐसे तमाम नये उभरते औद्योगिक क्षेत्रों में विश्व की ताकत बनेगा।

 

मोदी ने कहा कि सरकार समुद्र में उत्खनन के लिये जल्द ही पहले अपतटीय खनन ब्लॉक की नीलामी करायेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार विकसित भारत के संकल्प के साथ काम कर रही है, हमारी सरकार का इरादा और दिशा स्पष्ट है, उसमें कोई भटकाव नहीं है।” उन्होंने उद्योगों को दी जाने वाले प्रोत्साहनों का उल्लेख करते हुये, “2014 में, एक करोड़ रुपये वाली एमएसएमई को अनुमानित कर देना पड़ता है और अब तीन करोड़ लाभ वाली एमएसएमई को भी लाभ मिल सकता है। वर्ष 2014 में, 50 करोड़ वाली सूक्ष्म, लघु और मझोली (एमएसएमई) को 30 प्रतिशत कर देना पड़ा, आज यह दर 22 प्रतिशत है। वर्ष 2014 में, निवेशक 30 प्रतिशत कॉर्पोरेट कर की दरें रखते थे, आज 400 करोड़ रुपये तक की आय वाली कंपनी के लिए यह दर 25 प्रतिशत है।”

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय