नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच तीनों सेनाओं की द्विपक्षीय ‘मानवीय सहायता एवं आपदा राहत’ (एचएडीआर) उभयचर अभ्यास ‘टाइगर ट्रायंफ 2024’ अमेरिका के समरसेट में संपन्न हुआ।
भारतीय नौसेना ने रविवार को कहा कि समुद्री चरण 26 से 30 मार्च तक आयोजित किया गया। इसमें दोनों देशों की इकाइयां शामिल थीं। इसके बाद एचएडीआर ऑपरेशन के लिए एक संयुक्त कमान एवं नियंत्रण केंद्र तथा एक संयुक्त राहत एवं चिकित्सा शिविर की स्थापना के लिए काकीनाडा में सैनिकों की लैंडिंग हुई।
काकीनाडा तथा विशाखापत्तनम के पास भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के जहाजों के बीच यूएच3एच, सीएच53 और एमएच60आर हेलीकॉप्टरों से जुड़े क्रॉस डेक हेलीकॉप्टर ऑपरेशन भी किए गए।
भारतीय नौसेना की भाग लेने वाली इकाइयों में एक लैंडिंग प्लेटफ़ॉर्म डॉक, लैंडिंग शिप टैंक (बड़े) जिनमें उनके अभिन्न लैंडिंग क्राफ्ट और हेलीकॉप्टर, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट तथा लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान शामिल थे। एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व मशीनीकृत बलों सहित एक इन्फैंट्री बटालियन समूह द्वारा किया गया था और भारतीय वायु सेना ने एक मध्यम लिफ्ट विमान, परिवहन हेलीकॉप्टर और रैपिड एक्शन मेडिकल टीम (आरएएमटी) को तैनात किया था।
अमेरिकी टास्क फोर्स में एक अमेरिकी नेवी लैंडिंग प्लेटफ़ॉर्म डॉक शामिल था जिसमें इसके अभिन्न लैंडिंग क्राफ्ट एयर कुशन और हेलीकॉप्टर, एक विध्वंसक, समुद्री टोही और मध्यम लिफ्ट विमान और अमेरिकी मरीन भी शामिल थे।
तीनों सेनाओं के विशेष ऑपरेशन बलों ने भी अभ्यास में भाग लिया और बंदरगाह तथा समुद्री चरणों के दौरान विशाखापत्तनम और काकीनाडा में अमेरिकी समकक्षों के साथ संयुक्त रूप से संयुक्त अभियान चलाया।
नौसेना ने कहा कि यह अभ्यास दोनों देशों के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है और इसका उद्देश्य बहुराष्ट्रीय एचएडीआर संचालन में सर्वोत्तम प्रथाओं और मानक संचालन प्रक्रियाओं को साझा करना है।
इस अभ्यास का हार्बर चरण 18-25 मार्च तक विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था, जिसमें प्री-सेल चर्चा, विषय वस्तु विशेषज्ञ आदान-प्रदान, खेल गतिविधियां, शिपबोर्डिंग अभ्यास और क्रॉस-डेक दौरे शामिल थे। भारत की जीवंत संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के हिस्से के रूप में दोनों नौसेनाओं के कर्मियों ने 25 मार्च को एक साथ होली का त्योहार मनाया।