हापुड़- यहां पुलिस लाइन के इंस्पेक्टर और दरोगा के बीच गाली-गलौज का मामले सामने आया है,दरोगा ने एसपी से भी अभद्रता की जिसके बाद पुलिस लाइन के इंस्पेक्टर महेश चंद की तहरीर पर दरोगा के खिलाफ आईपीसी की धारा 352, 323, 504 और 506 सहित कई धाराओं में मुकदमा लिखा गया है। जांच में लापरवाही बरतने पर गुरुवार को ही दारोगा का ट्रांसफर हुआ था। आरोपी दारोगा मुजफ्फरनगर का रहने वाला है।
बताया जाता है कि हापुड़ में निलंबित चल रहे दरोगा ने पुलिस लाइन में परेड के दौरान एसपी अभिषेक वर्मा और रिजर्व इंस्पेक्टर (RI) महेश चंद से अभद्रता और गालीगलौज शुरू कर दी। आरोपी दारोगा विजय राठी को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की । उसके खिलाफ आरआई ने केस दर्ज कराया है, बाद में दरोगा को जमानत दे दी गई।
सीओ पुलिस लाइन आशुतोष वर्मा ने बताया कि शुक्रवार को परेड थी। निलंबित चल रहे दारोगा विजय राठी पहुंचे और आरआई के साथ अभद्रता करने लगे। उस वक्त परेड में एसपी अभिषेक वर्मा भी पहुंचे थे। उन्होंने हस्तक्षेप किया तो उनके साथ भी दरोगा में अभद्रता और गालीगलौज शुरू कर दी। इसके बाद आरआई ने कोतवाली में विजय राठी के खिलाफ केस दर्ज कराया। विजय को हिरासत में ले लिया गया।
बताया जाता है कि आरोपी दरोगा धौलाना थाना एरिया की देहरा पुलिस चौकी पर तैनात था। अप्रैल में विवेचना में लापरवाही बरतने पर उसे निलंबित किया गया था। बाद में वरिष्ठ अधिकारियों की रिपोर्ट पर उसका तबादला सीतापुर कर दिया गया था।दरोगा की लापरवाही के चलते एसपी ने उसके खिलाफ उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट के आधार पर ही दरोगा का ट्रांसफर सीतापुर के लिए कर दिया गया था। अभी तक दरोगा की रवानगी नहीं हो सकी थी । बताया जा रहा है कि दरोगा के खिलाफ चल रही जांच पूरी न होने के कारण रवाना नहीं की गई थी।
विजय पर आरोप है कि आरोपी पक्ष से मिलकर केस में धाराएं हटाई थीं। इसी तरह का एक आरोप देहरा गांव के आसिफ ने भी लगाते हुए एसपी से शिकायत की थी। शुरुआती जांच में उसकी भूमिका संदिग्ध मिली तो उसे निलंबित कर दिया गया था। जांच लंबित होने की वजह से ट्रांसफर होने के बाद भी विजय को सीतापुर के लिए रिलीव नहीं किया गया था। बाद में दरोगा को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
दूसरी तरफ आरोपी दारोगा विजय राठी के पिता परविंदर सिंह का कहना है, “मेरा बेटा हापुड़ में पिछले एक साल से तैनात है. वह देहरा चौकी इंचार्ज था. उसको 15 दिन पहले गलत सस्पेंड किया गया था। एक खनन माफिया के कहने पर उसने चैलेंज करके उसको निलंबित कराया। बाद में उसका ट्रांसफर सीतापुर कर दिया गया। शुक्रवार सुबह जब वह हाजरी पर पुलिस लाइन में गया तो वहां आरआई, सीओ और एसपी ने उसको अलग निकालकर गाली-गलौज और मारपीट करने की भी कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि लोगों ने बीच बचाव किया, उसके बाद अरेस्ट करके कोतवाली लाया गया, वहां इसके खिलाफ मुकदमा किया गया है। एक माफिया के कहने से यह सारी घटना की गई है, जिससे विभाग में गलत सन्देश जायेगा।