Monday, March 10, 2025

मंडी में पहली बार हुई ब्यास आरती, काशी की परंपरा से मिली प्रेरणा

मंडी। छोटी काशी मंडी के अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के इतिहास में इस बार एक नया अध्याय जुड़ा। महाशिवरात्रि की संध्या पर ऐतिहासिक पंचवक्त्र मंदिर के सामने पौराणिक विपाशा (ब्यास) नदी के तट पर भव्य ब्यास आरती का आयोजन किया गया। इस अद्भुत एवं आध्यात्मिक आयोजन में काशी से आए विद्वान पंडितों ने विधि-विधान से आरती संपन्न करवाई। पूरे वातावरण में मंत्रों के उच्चारण और श्रद्धा की अलौकिक ज्योतियों ने भक्तिमय माहौल बना दिया।

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इस ऐतिहासिक आरती का साक्षी बनने के लिए धर्मपुर के विधायक चंद्रशेखर, एपीएमसी के चेयरमैन संजीव गुलेरिया, उपायुक्त एवं छोटी काशी अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव समिति के अध्यक्ष अपूर्व देवगन सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं ने भी इस दिव्य आयोजन में भाग लिया।

ब्यास आरती के लिए विपाशा एवं सुकेती नदी के संगम स्थल पर पांच विशेष मंच तैयार किए गए थे। काशी से आए पुजारियों ने विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण और परंपरागत विधियों के साथ महा आरती की। जैसे ही दीप जलाकर आरती प्रारंभ हुई, पूरा माहौल शिवमय हो गया। नदी के प्रवाह पर दीपों की जगमगाहट एक अलौकिक दृश्य प्रस्तुत कर रही थी।

इस अद्भुत आरती में नगरवासियों की भी विशेष भागीदारी रही। श्रद्धालुओं ने अपने घरों से एक-एक दीपक लाकर विपाशा नदी के तट पर प्रज्वलित किया। इससे पूरी संध्या रोशनी के दिव्य रंगों से सराबोर हो गई। शहर की विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी इस आयोजन में सक्रिय भागीदारी निभाई।

इस अवसर पर उपायुक्त अपूर्व देवगन ने सभी उपस्थित लोगों का स्वागत और आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह महाशिवरात्रि महोत्सव इस सदी के 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। सदी की रजत जयंती को स्मरणीय बनाने के लिए इस बार महोत्सव में कई नए आयाम जोड़े गए हैं।

ब्यास आरती के अलावा, इस बार महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए पांच से अधिक देशों से सांस्कृतिक दल विशेष रूप से आमंत्रित किए गए हैं। ये दल 28 फरवरी को होने वाली कल्चरल परेड में भाग लेंगे। इसके अतिरिक्त, महोत्सव के शुभारंभ, समापन और सांस्कृतिक संध्याओं में भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे।

ब्यास आरती के इस आयोजन ने महाशिवरात्रि महोत्सव में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। इस भव्य एवं आध्यात्मिक आयोजन ने न केवल स्थानीय बल्कि देश-विदेश के श्रद्धालुओं का भी ध्यान आकर्षित किया है।

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