नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ सीमा पर युद्धविराम की घोषणा का भारत के राजनेताओं ने स्वागत किया है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख बरकरार रखने की बात दोहराई है। हालांकि, सीजफायर के कुछ ही घंटे के भीतर पाकिस्तानी ड्रोनों की कथित मौजूदगी की खबरों के कारण जम्मू-कश्मीर के कई शहरों में ब्लैकआउट हुआ। भाजपा विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि पाकिस्तान ने नागरिक क्षेत्रों में ड्रोन गिराकर जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश की, लेकिन सीमाओं की रक्षा कर रहे हमारे बहादुर सैनिकों ने उन खतरों को भी सफलतापूर्वक बेअसर कर दिया। वे वास्तव में सम्मान और प्रशंसा के पात्र हैं। लिया गया कोई भी निर्णय निस्संदेह राष्ट्र के हित को प्राथमिकता देगा। हम प्रधानमंत्री मोदी के प्रति बहुत आभारी हैं। कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा, “कांग्रेस पार्टी पहले दिन से ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि राष्ट्र के हित में भारत सरकार द्वारा लिए गए किसी भी निर्णायक फैसले के साथ हम खड़े होंगे। हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं।
हालांकि विदेश सचिव द्वारा युद्धविराम की घोषणा की गई है, लेकिन आतंकवाद युद्धविराम नहीं जानता। हमें सतर्क रहना होगा। युद्धविराम के बावजूद आतंकवाद पर कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। भारत-पाकिस्तान युद्धविराम पर भाजपा के राज्यसभा सांसद अनिल बोंडे ने कहा कि भारत का उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना है और पहलगाम की घटना के बाद भारत ने कई स्थानों पर हमला करके और 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराकर कड़ी प्रतिक्रिया दी। यह पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट संदेश था: यदि आप हमें उकसाते हैं, तो हम पीछे नहीं हटेंगे। कर्नाटक सरकार के मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा, “विदेश मंत्रालय ने युद्धविराम की आधिकारिक घोषणा की है। दोनों देश लड़ाई को आगे न बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।” पिछले महीने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर 7 मई को तड़के पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने लगातार भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों और आबादी वाले इलाके में ड्रोन तथा मिसाइलों से हमले किए, जिनमें ज्यादातर को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया।