Friday, December 20, 2024

सिंगल यूज प्लास्टिक एंटीबायोटिक के असर को कम करती है – आईएनएसटी शोध

नई दिल्ली। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, मोहाली के वैज्ञानिकों ने पाया है कि सिंगल यूज प्लास्टिक बोतलों से प्राप्त नैनोप्लास्टिक एंटीबायोटिक रेसिस्टेन्स को बढ़ा सकता है। प्लास्टिक प्रदूषण और एंटीबायोटिक प्रतिरोध के संयुक्त खतरों के बारे में बढ़ती चिंताओं के बीच, नैनोस्केल पत्रिका में प्रकाशित नए अध्ययन में एक अज्ञात सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को रेखांकित किया गया है।

 

कुलगाम में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़, हिजबुल कमांडर समेत 5 आतंकवादी ढेर

 

शोध में कहा गया कि नैनो प्लास्टिक और सूक्ष्मजीव मानव आंत सहित विविध वातावरणों में सह-अस्तित्व में रहते हैं जो स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। शोध में टीम ने पता लगाया कि प्लास्टिक के नैनो कण बैक्टीरिया को कैसे प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस पर ध्यान केंद्रित किया, जो आंत के माइक्रोबायोटा में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है। डॉ. मनीष सिंह और उनकी टीम ने इस बात की जांच की है कि क्या नैनो प्लास्टिक लाभकारी बैक्टीरिया को एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी जीन के वाहक में बदल सकता है और मानव आंत माइक्रोबायोम स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर सकता है।

 

 

कादिर राणा की दोनों बेटियों को मिली नियमित जमानत, बेटे शाह मोहम्मद की जमानत पर सुनवाई आज

 

उन्होंने प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग पर्यावरण के लिए प्रासंगिक नैनोप्लास्टिक कणों को संश्लेषित करने के लिए किया, क्योंकि ये पॉलीइथिलीन टेरेफ्थेलेट बोतल से प्राप्त नैनोप्लास्टिक, एकल उपयोग वाली प्लास्टिक की बोतलों और कंटेनरों के डंपिंग के कारण उत्पन्न वास्तविक नैनोप्लास्टिक का बेहतर प्रतिनिधित्व करते हैं। वैज्ञानिकों ने प्रदर्शित किया कि पीबीएनपी क्षैतिज जीन स्थानांतरण (एचजीटी) नामक प्रक्रिया के माध्यम से ई. कोली से लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस में क्रॉस-स्पीशीज जीन स्थानांतरण को सुविधाजनक बना सकता है।

 

कैंसर रोगियों के लिए अच्छी खबर, एम्स ने तैयार की थेरेपी, एडवांस स्टेज में भी मरीजों को मिलेगा सटीक इलाज !

 

यह विशेष रूप से बैक्टीरिया में बाहरी झिल्ली पुटिका (ओएमवी) स्राव के माध्यम से होता है। उन्होंने बताया कि दो नए तंत्र हैं जिनके माध्यम से पीबीएनपी एंटीबायोटिक प्रतिरोध जीन स्थानांतरण को सुविधाजनक बनाते हैं। उनमें से एक प्रत्यक्ष परिवर्तन मार्ग के माध्यम से है जिसमें पीबीएनपी भौतिक वाहक के रूप में कार्य करते हैं जो बैक्टीरिया की झिल्लियों के पार एंटीबायोटिक प्रतिरोध प्लास्मिड का परिवहन करते हैं और बैक्टीरिया के बीच प्रत्यक्ष जीन स्थानांतरण को बढ़ावा देते हैं। दूसरा तरीका ओएमवी इंड्यूस्ड ट्रांसफर पाथवे के माध्यम से है, जिसमें पीबीएनपी ऑक्सीडेटिव तनाव और जीवाणु सतहों को नुकसान पहुंचाता है, जो तनाव प्रतिक्रिया जीन को सक्रिय बनाता है और बाहरी झिल्ली पुटिका (ओएमवी) स्राव में वृद्धि को सक्रिय करता है।

 

 

 

एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस जीन से भरे ये ओएमवी बैक्टीरिया की प्रजातियों में जीन स्थानांतरण के लिए शक्तिशाली वाहक बन जाते हैं, जिससे असंबंधित बैक्टीरिया में भी एंटीबायोटिक प्रतिरोध जीन का प्रसार आसान हो जाता है। यह माइक्रोबियल समुदायों पर नैनोप्लास्टिक के प्रभावों के एक महत्वपूर्ण और पहले से अनदेखे आयाम को उजागर करता है। अध्ययन इस बात पर प्रकाश डालता है कि नैनोप्लास्टिक कैसे एंटीबायोटिक प्रतिरोध संकट में अप्रत्याशित रूप से योगदान दे सकता है, क्योंकि यह लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस जैसे लाभकारी आंत बैक्टीरिया में एंटीबायोटिक प्रतिरोध जीन को शामिल करता है, जो बाद में इन जीन को रोगजनकों में स्थानांतरित कर सकता है। यह इंगित करता है कि लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस जैसे लाभकारी बैक्टीरिया एंटीबायोटिक प्रतिरोध जीन के लिए भंडार के रूप में कार्य कर सकते हैं, जो संक्रमण के दौरान इन जीनों को रोगजनक बैक्टीरिया में स्थानांतरित कर सकते हैं।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,303FansLike
5,477FollowersFollow
135,704SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय