नैनीताल। हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव के आरक्षण रोटेशन नियमावली 2024 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही, सरकार को सभी विजयी प्रत्याशियों को इस मामले की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया है। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने विजयी प्रत्याशियों को अपना पक्ष रखने का विकल्प भी खुला रखा।
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 मार्च की तिथि तय की है।मामले के अनुसार, अल्मोड़ा नगर निगम, धारचूला नगर पालिका, गुप्तकाशी नगर पंचायत और उत्तरकाशी नगर पालिका के अध्यक्ष व मेयर पद के प्रत्याशियों ने राज्य सरकार की आरक्षण नियमावली 2024 को चुनाव से पहले चुनौती दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार को आरक्षण नियमावली बनाने का अधिकार नही है। राज्य सरकार के 2024 के आरक्षण संबंधी नियमावली गलत है। इसलिए निकायों का फिर से आरक्षण तय किया जाए। सरकार ने संविधान के विरुद्ध जाकर निकायों व नगर पंचायतों का आरक्षण तय किया है। पूर्व में एकलपीठ ने उन्हें अंतरिम आदेश नही दिया और सरकार से जवाब पेश करने को कहा। इसके विरुद्ध उनके द्वारा खंडपीठ में स्पेशल अपील दायर की। उनकी विशेष अपील खारिज हो गई। इस आदेश के बाद अल्मोड़ा निवासी शोभा जोशी ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की।
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि एकलपीठ ने जो प्रश्न उठाए है वे सही है इसलिए एकलपीठ इस मामले की शीघ्र सुनवाई करें। सुनवाई पर राज्य सरकार ने कोर्ट से शपथपत्र पेश करने के लिए समय मांगा था। कोर्ट ने सरकार को शपथपत्र पेश करने का समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 मार्च की तिथि नियत की।