Tuesday, October 15, 2024

‘BSA की यातना से तो मरना ही अच्छा’,प्रिंसिपल ने कर लिया सुसाईड, BSA समेत 2 शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

अमरोहा -उत्तर प्रदेश के अमरोहा में शिक्षिका मीनू पंवार की संदिग्ध हालात में मौत के बाद मंगलवार को एक ओर सरकारी शिक्षक का शव क्लास रूम में लटका मिला।


जिलाधिकारी ने घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक तथा अपर पुलिस अधीक्षक समेत एक तीन सदस्यीय समिति गठित कर प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में पुलिस ने बीएसए मोनिका समेत दो आरोपी शिक्षकों के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज़ किया।

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जिलाधिकारी निधि गुप्ता ने मंगलवार को बताया कि गजरौला थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर ठेर स्थित कंपोजिट विद्यालय के प्रधानाध्यापक संजीव कुमार (50) का शव क्लास रूम में लटका मिला है। घटना के बारे में स्कूल शिक्षकों द्वारा पुलिस को तत्संबंधी जानकारी दी गई।


सूत्रों ने बताया कि पुलिस को 18 पेज़ का एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें बीएसए तथा स्कूल के दो शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराते हुए अपना दर्द बयां किया है। प्रधानाचार्य संजीव सिंह गजरौला इलाके के सुल्तानठेर गांव में आदर्श जूनियर हाई स्कूल में प्रधानाचार्य थे। उन्होंने सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या का कारण बताया। संजीव कुमार ने नोट में लिखा कि, मैं राघवेंद्र सिंह, सरिता सिंह और बीएसए मैडम से दुखी होकर आत्महत्या कर रहा हूं। राघवेंद्र और सरिता आए दिन झगड़ा और गाली गलौज करते हैं। उनकी यातना से मरना अच्छा है। सुसाइड नोट में बताया कि वह दो अप्रैल 2019 से यातना झेल रहे हैं।

प्रधानाध्यापक ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके केस की जांच (मुरादाबाद) मंडल के किसी अधिकारी से न कराकर सीबीआई अथवा किसी अन्य उच्चस्तरीय एजेंसी से जांच कराई जाए। आरोपी बहुत प्रभावशाली व रसूखदार हैं इस वज़ह से उसे न्याय नहीं मिल सकेगा। लिखा है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) मोनिका और सहायक अध्यापक राघवेन्द्र तथा अध्यापिका सरिता द्वारा लंबे समय से उसका उत्पीड़न किए जाने से तंग आकर में आत्मघाती कदम उठाने के लिए मज़बूर हो गया हूं।


मृतक शिक्षक संजीव कुमार अमरोहा के बछरायूं थाना क्षेत्र के गांव जमाना बाद निवासी थे। मृतक के बेटे अनुज सिंह ने पत्रकारों को बताया कि पिता का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा था। दुर्भाग्यवश उच्चाधिकारियों द्वारा भी मेरे पिता द्वारा लगातार उत्पीड़न की शिकायतों को नजरांदाज कर दिया गया। जिससे हताश-निराश होकर कठोर कदम उठाने के लिए मज़बूर होना पड़ा। अनुज सिंह ने बताया कि आज़ वह सुबह सात बजे घर से स्कूल के लिए निकले थे।


गौरतलब है कि इससे पूर्व में भी क्षेत्र की होनहार शिक्षिका मीनू पंवार रहस्यमई मौत की गुत्थी आज़ भी अनसुलझी पहेली है। घटनाक्रम के अनुसार मूलरूप से जिला बागपत के दोघट थाना क्षेत्र के गांव इदरीस पुर निवासी पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त एचसीपी बिजेंद्र सिंह की 34 वर्षीया पुत्री मीनू पंवार गजरौला में रहती थी और जनपद अमरोहा के मंडी धनौरा ब्लाक के गांव वाजिदपुर में प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत थी।

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