रांची। टेंडर कमीशन घोटाले में जेल में बंद झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री के नाम भेजे गये अपने त्यागपत्र में उन्होंने लिखा है, “राज्य मंत्रिमंडल के मंत्री पद से मैं इस्तीफा दे रहा हूं। मंत्रिमंडल में एक सहयोगी के रूप में कार्य करने का जो अवसर मुझे दिया गया, उसके लिए मैं आभारी रहूंगा।
आलमगीर आलम के पुत्र तनवीर आलम ने मंत्री के इस्तीफे की पुष्टि की है। तनवीर आलम ने बताया कि जेल मैन्युअल के हिसाब से जेल प्रशासन के माध्यम से उन्होंने अपना त्यागपत्र मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को भेजा है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 7 जून को कांग्रेस कोटे के कैबिनेट मंत्री से सभी विभाग वापस ले लिए गए थे। उनके अधीन ग्रामीण विकास के अलावा संसदीय कार्य विभाग था। आलमगीर आलम पिछले चार सप्ताह से जेल में बंद हैं। विपक्ष लंबे समय से उन्हें पद से हटाने की मांग कर रहा था।
झारखंड में इसके पहले भी कई मंत्री गिरफ्तार हुए हैं, लेकिन जेल जाते ही उन्हें पद से हटना पड़ा था। यहां तक कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार करने का फैसला किया, तो उन्होंने हिरासत में लिए जाने से पहले रात 10 बजे राजभवन जाकर राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया था। आलमगीर आलम की हैसियत राज्य की सरकार में मुख्यमंत्री के बाद नंबर दो की थी। उनके जिम्मे ग्रामीण विकास, पंचायती राज, ग्रामीण कार्य के अलावा संसदीय कार्य विभाग भी था।
विधानसभा सत्र आहूत करने से लेकर सदन के भीतर सरकार की ओर से विधेयक पेश किए जाने एवं विधायी कार्यों से जुड़े मुद्दों पर निर्णय लेने में संसदीय कार्य मंत्री की अहम भूमिका होती है। आलमगीर आलम को टेंडर कमीशन घोटाले में ईडी ने 15 मई की शाम को गिरफ्तार किया था। इसके पहले ईडी ने उनके पीएस संजीव लाल और घरेलू सहायक जहांगीर आलम सहित कई अन्य के ठिकानों पर 6-7 मई को छापेमारी की थी। इस दौरान 37 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम बरामद की गई थी।