नई दिल्ली- बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने हरियाणा में बीएसपी की विफलता का ठीकरा जाटों के सिर पर फोड़ा है । मायावती ने हरियाणा के जाटों को जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त बताया है।
हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने इंडियन नेशनल लोकदल के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन बसपा को कोई सफलता नहीं मिल पाई है, इसके बाद मायावती का यह बयान सामने आया है।
मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि हरियाणा के जाट समाज के जातिवादी लोगों ने बसपा को वोट नहीं दिया जिससे बसपा के उम्मीदवार कुछ सीटों पर थोड़े वोटो के अंतर से हार गए हालांकि बीएसपी का पूरा वोट ट्रांसफर हुआ है। मायावती ने लिखा है कि यूपी के जाट समाज के लोगों ने अपनी जातिवादी मानसिकता को काफी हद तक बदला है
और वह बीएसपी से एमएलए तथा सरकार में मंत्री भी बने हैं। हरियाणा प्रदेश के जाट समाज के लोगों को भी उत्तर प्रदेश के जाटों के पदचिन्हों पर चलकर अपनी जातिवादी मानसिकता को जरूर बदलना चाहिए यह खास सलाह है।
सुश्री मायावती ने कहा कि बीएसपी के लोगों द्वारा पूरी दमदारी के साथ यह चुनाव लड़ने के लिए वह उनका हार्दिक आभार प्रकट करती है और आश्वस्त करती हूँ कि उनकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी। लोगों को निराश नहीं होना है और न हीं हिम्मत हारनी है, बल्कि अपना रास्ता खुद बनाने के लिए तत्पर रहना है। नया रास्ता निकलेगा।
आपको बता दे कि हरियाणा में बसपा को अबकी 1.82 प्रतिशत (2,52,671) वोट मिले हैं, जबकि पांच वर्ष पहले के चुनाव में पार्टी ने इससे कहीं अधिक 4.14 प्रतिशत(5,18,842) वोट मिले थे। पार्टी का खाता खोलने के लिए मायावती खुद कई चुनावी जनसभाएं कीं थी। 37 सीटों पर चुनाव लड़ी बसपा का वोट भले ही इनेलो को गया हो, लेकिन उसका वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं हुआ। हालांकि, वंचित समाज को लेकर मायावती के कांग्रेस पर हमलावर रहने से माना जा रहा है कि भले ही बसपा को फायदा न मिला हो, लेकिन कुछ सीटों पर कांग्रेस को जरूर नुकसान हुआ है।