नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा कि कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और दूरदर्शिता की कमी के कारण लोगों को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति नहीं मिल रही है। ऐसे में विश्वगुरु बनना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश 4.25 लाख मेगावाट बिजली पैदा करने में सक्षम है, जबकि व्यस्त समय में जरूरत सिर्फ दो लाख मेगावाट की है, लेकिन कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और दूरदर्शिता की कमी के कारण लोगों को पूरी बिजली नहीं मिल पा रही है।
केजरीवाल ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि क्या विकसित देशों में रहने वाले लोगों को भी ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है।
केजरीवाल ने कहा, “मैं विभिन्न राज्यों में सात से आठ घंटे की बिजली कटौती के बारे में सुनता हूं। अगर इतनी लंबी बिजली कटौती होगी, तो हम विश्वगुरु नहीं बन सकते। हां, केवल लंबे भाषण ही दिए जा सकते हैं।”
केजरीवाल ने कहा कि अगर हमें प्रगति करनी है, तो उद्योगों और किसानों को 24 घंटे बिजली देनी होगी। यदि हमें विश्वगुरु बनना है, तो 24 घंटे बिजली की व्यवस्था करनी होगी।
केजरीवाल ने कहा, “लंबे समय तक बिजली कटौती क्यों हो रही है? क्या बिजली की कोई कमी है? मैं आपको बता दूं कि हम 4.25 लाख मेगावाट बिजली का उत्पादन करने में सक्षम हैं। इसका मतलब है कि हमारे पास इतने सारे बिजली संयंत्र हैं कि अगर सभी अपनी 100 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करते हैं, वे 4.25 लाख मेगावाट बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। और देश में बिजली की चरम मांग क्या है? यह केवल 2 लाख मेगावाट है। लेकिन फिर भी, हमें कुप्रबंधन के कारण पूरी आपूर्ति नहीं मिल रही है।”।
उन्होंने कहा कि 2015 से पहले भी दिल्ली लंबे समय तक बिजली कटौती का सामना कर रही थी, लेकिन आप की सरकार बनने के बाद उन्होंने 24 घंटे बिजली देकर दिल्ली की तस्वीर बदल दी। आप ने 24 घंटे बिजली देकर पंजाब के लोगों का जीवन भी बदल दिया है।
केजरीवाल ने कहा, “पूरे देश में भी बिना रुके 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा सकती है। हमें पूरी व्यवस्था बदलने में केवल तीन से चार साल लगेंगे। 24 घंटे बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करने के बाद भारत विश्वगुरु बन सकता है।”
केजरीवाल ने कहा कि देश के बिजली संयंत्र पर्याप्त बिजली पैदा करने में सक्षम हैं, जिसका निर्यात भी किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जब उन्होंने शुरुआत में 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी तो लोग उन पर हंसे, लेकिन वे आगे बढ़े।
“अगर हमें पूरे देश के लिए 200 यूनिट तक बिजली बिल माफ करना है, तो इसमें हमें केवल 1.5 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा और हमने पढ़ा है कि चार बिजनेस टायकून के 1.5 लाख करोड़ के ऋण माफ कर दिए गए हैं। मैं दो मॉडल पेश कर रहा हूं केजरीवाल ने कहा, “देश तय कर सकता है कि हमें 140 करोड़ लोगों को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देनी चाहिए या चार बिजनेस टाइकून के 1.5 लाख करोड़ रुपये माफ करने चाहिए। देश फैसला कर सकता है।”