नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर लोकतंत्र बचाने का आह्वान करते हुए रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का बेड़ा गर्क कर दिया है
केजरीवाल ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ यहां आम आदमी पार्टी (आप)की महारैली में मोदी पर तीखा हमला करते हुए कहा,“ पहली बार ऐसे प्रधानमंत्री आये हैं जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश और संविधान को नहीं मानते।” उन्होंने सभी विपक्षी दलों से इस अध्यादेश का विरोध करने की अपील की। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ लोग मिलकर इस अध्यादेश का विरोध करेंगे और लोकतंत्र और देश को बचाएंगे। उन्होंने कहा कि वह पूरे देश को बताना चाहते हैं कि लोग यह नहीं समझे कि यह केवल दिल्ली के साथ हुआ है। दिल्ली जैसा ही अध्यादेश दूसरे राज्यों के लिए भी लाया जा सकता है इसलिए इसे अभी सबको मिलकर रोकना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ख़ारिज कर दिया। अध्यादेश कहता है कि दिल्ली की जनता अब सुप्रीम नहीं है। प्रधानमंत्री ने संविधान के परखच्चे उड़ा दिये। मुख्यमंत्री ने कहा,“ भाजपा वाले मुझे रोज-रोज गाली देते हैं लेकिन मुझे फ़र्क़ नहीं पड़ता है लेकिन दिल्ली के अपमान को बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं। अध्यादेश को खारिज कराकर रहूंगा।”
उन्होंने कहा,“ मैं पूरे देश में गया और सभी दलों से मिला जिसमें पता चला कि सभी दल दिल्ली वालों के साथ है। एक सौ 40 करोड़ लोग मिलकर अध्यादेश का विरोध करेंगे और जनतंत्र को बचाएँगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा ,“ रामलीला मैदान में 12 साल पहले भारष्टाचार के ख़िलाफ़ इकट्ठा हुए थे। अब तानाशाही को खत्म करने के लिए फिर से इकट्ठा हुए हैं। यहाँ से तानाशाही के खिलाफ लड़ाई शुरू कर रहे हैं और जीतेंगे।”
उन्होंने केंद्र सरकार को महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरा। उन्होंने केंद्र पर दिल्ली में स्कूल से लेकर मोहल्ला क्लिनिक समेत अन्य विकास कार्यक्रमों में बाधा डालने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने अपने भाषण के अंत में चौथी पास राजा की एक कहानी सुनाई।
पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा कि काला अध्यादेश लाकर मोदी सरकार सर्वोच्च न्यायालय के पाँच जजों के फ़ैसले को बदलना चाहती है। दिल्ली सरकार को बदलना चाहती है। यह तानाशाही अत्याचारी की पराकाष्ठा है। केंद्र सरकार अध्यादेश के जरिये लोगों का हक हड़पना चाहती है। राज्यसभा में यह विधेयक पास नहीं होने देंगे।
वरिष्ठ वकील एवं राज्य सभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि हिंदुस्तान में संविधान का मज़ाक़ हो रहा है। मोदी सरकार ने सभी संस्थाओं को गोदी में बिठा लिया जिससे लोकतंत्र और भाईचारे ख़तरे में हैं। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर मोदी का मुक़ाबला करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि सब कुछ केंद्र सरकार ही करेगी तो विधानसभा का क्या अर्थ है।