नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर मोहल्ला क्लीनिक के अंदर पैथोलॉजिकल टेस्टिंग यानी जांच के नाम पर भी घोटाला करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की सर्दी में भी जांच की आंच से पसीने छूट रहे हैं।
उन्होंने तथाकथित मोहल्ला क्लीनिक के अंदर जांच की व्यवस्था की थी और विजिलेंस की रिपोर्ट के अनुसार वो जांच भी अब आंच के घेरे में आ गई है। भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार एक दिन में 500 से अधिक मरीजों को देखा गया है, मरीजों को देखने की अधिकतम संख्या 533 है। जबकि, मोहल्ला क्लीनिक का औपचारिक समय सुबह 9 से 1 बजे तक है। उन्होंने सिर्फ 240 मिनट में 533 मरीजों को देखने पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि सिर्फ आधे मिनट में कैसे एक व्यक्ति के रोग की जांच और उसका समाधान किया जा सकता है ?
उन्होंने सवाल पूछा कि पूरी दिल्ली में सीसीटीवी का जाल बिछाने का दावा करने वाले बताएं कि उनके मोहल्ला क्लीनिक में सीसीटीवी है या नहीं और अगर है तो दिखाएं कि एक दिन में ये 533 मरीज कहां लाइन लगाए हुए थे क्योंकि मोहल्ला क्लीनिक का एरिया तो बहुत छोटा है। भाजपा प्रवक्ता ने इसे भी शराब की तरह का घोटाला बताते हुए कहा कि स्वघोषित कट्टर ईमानदार ने पहले शराब का घोटाला किया और अब दवा का घोटाला किया।
केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए त्रिवेदी ने कहा कि बवाली अब सवाली बन गए और सीबीआई से सवाल पूछ रहे हैं, यह तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटने वाली बात हो गई।
उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल का ईडी के सामने जाने से बचना, ये स्वत: इस बात का प्रमाण है कि उनको ये पता है कि वे इस जांच की आंच से बच नहीं सकते क्योंकि के. अरविंदन ने बयान दिया हुआ है कि केजरीवाल की उपस्थिति में शराब घोटाले में प्रतिशत को बढ़ाकर कमीशन की बात हुई और उसके वितरण की बात हुई। इसलिए वे कह सकते हैं कि यह उनकी (केजरीवाल) अपनी गलती और भ्रष्टाचार की स्वीकारोक्ति है। केजरीवाल ईडी के पास जाने से इसलिए डर रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि जैसे ही सवालों से उनकी नजर मिलेगी, उनके कदम डगमगा जाएंगे।
आप नेताओं के केजरीवाल के जेल जाने पर जेल से ही सरकार चलाने के बयान की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि नई राजनीति का दावा करने वाले लोगों का किरदार अब जनता के सामने पूरी तरह से तार-तार हो गया है, उनका वास्तविक चेहरा अब जनता के सामने आ गया है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक जांच एजेंसी के सामने पेश होकर जवाब दे चुके हैं, लेकिन, उनके साथ खड़े होने वाले केजरीवाल जांच एजेंसी के सामने तक जाने से भी इनकार कर रहे हैं।
राम मंदिर के खिलाफ और भगवान राम को लेकर विपक्षी नेताओं द्वारा दिए जा रहे विवादास्पद बयानों को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि ये नेता विघ्न डालने का प्रयास कर रहे हैं और देश की जनता सब समझ रही है।