नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को उत्पाद शुल्क नीति मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं, वहीं आम आदमी पार्टी (आप) हर स्थिति के लिए खुद को तैयार करने की कोशिश कर रही है। हालांकि, यह साझा नहीं किया गया है कि केजरीवाल के गिरफ्तार होने की स्थिति में पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा।
इससे पहले बुधवार को आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने के लिए सभी विपक्षी मुख्यमंत्रियों को जेल में डालने की योजना बनाई है।
चड्ढा ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां पहले केजरीवाल को गिरफ्तार करेंगी और फिर झारखंड में हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और तमिलनाडु में एम.के. स्टालिन सहित अन्य मुख्यमंत्रियों को भी सलाखों के पीछे भेजा जा सकता है।
चड्ढा के अलावा, दिल्ली के मंत्रियों आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि भाजपा की केजरीवाल को गिरफ्तार करने की योजना है, क्योंकि उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ बोला है और मोदी को ‘चौथी पास राजा’ कहा है।
इस बीच कई नेताओं का मानना है कि अगर केजरीवाल गिरफ्तार होते हैं, तो पार्टी ने अभी यह नहीं सोचा है कि उनकी जगह नेतृत्व कौन करेगा।
पार्टी के एक नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि उनकी गिरफ्तारी की स्थिति में पार्टी के वरिष्ठ नेता नेतृत्व की भूमिका पर फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि चूंकि मनीष सिसौदिया, सत्येन्द्र जैन और संजय सिंह सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता पहले से ही सलाखों के पीछे हैं, कैबिनेट को जेल के अंदर से चलाया जा सकता है, क्योंकि इस बात पर कोई चर्चा नहीं है कि पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा।
पार्टी नेता ने यह भी दावा किया कि भाजपा को आप की बढ़ती लोकप्रियता पसंद नहीं है, क्योंकि यह उनके लिए सीधा खतरा है।
यह टिप्पणी ईडी द्वारा केजरीवाल को उत्पाद नीति मामले में पूछताछ के लिए बुलाए जाने के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें आप नेता सिसोदिया और संजय सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में ईडी ने केजरीवाल को पहली बार तलब किया है। इस साल अप्रैल में इसी मामले के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनसे पहले पूछताछ की थी।