पटना। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सुप्रीमो ममता बनर्जी के केंद्र सरकार पर राज्य की मतगणना सूची में बिहार के वोटरों के रजिस्ट्रेशन कराने के आरोप के बाद से राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने ममता के आरोप को गलत बताया। जदयू नेताओं ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को ऐसे बयान का खामियाजा भुगतना पड़ा था, अब बंगाल की जनता ममता को भी सबक सिखाएगी। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन ने कहा, “ऐतिहासिक सच्चाई को ममता बनर्जी समझ नहीं पाती हैं। जब बंगाल में वह बिहार के लोगों को बाहरी बताती हैं। जिस राज्य के निर्माण और उसके विकास में बिहारियों ने सैकड़ों वर्षों से अपना योगदान दिया, वहां निवास करते रहे, उनकी कई पीढ़ियां वहां रही हैं। ऐतिहासिक सच है कि बिहार अविभाजित बंगाल का हिस्सा रहा है। उसके बाद भी बिहार के बारे में इस तरह की बातें कर रही हैं।
“उन्होंने कहा, “दिल्ली में उन लोगों के साथ क्या हुआ, इससे उनको सबक लेनी चाहिए। दिल्ली में पूर्वांचली मतदाताओं ने ‘आप’ को समेट कर रख दिया। दिल्ली में हुए नुकसान को देखने के बाद भी उन्होंने यह बयान देने का दुस्साहस किया है। अब चुनाव में मतदाता उनको जरूर सबक सिखाने का काम करेंगे।” 2026 का बंगाल चुनाव टीएमसी के अकेले लड़ने के फैसले पर उन्होंने कहा, “विपक्षियों का गठबंधन ताश के पत्ते की तरह एक महल था, जो बिखर चुका है। ये गठबंधन नहीं है।
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव हो या उपचुनाव, ममता बनर्जी अकेले लड़ती रही हैं। अभी ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का एक बयान आया कि ‘इंडिया’ गठबंधन में अभी भी संभावनाएं हैं। ऐसे में कहीं न कहीं बड़ा अंतर्द्वंद्व टीएमसी की राजनीति में भी है। भतीजा कुछ बोल रहा है, बुआ कुछ और बोल रही हैं। लेकिन, कुल मिलाकर ‘इंडिया’ गठबंधन का कोई वजूद अब नहीं बचा है।” वहीं, जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने कहा, “पूर्वांचल के लोग जहां जाते हैं, अपनी मेहनत की बदौलत जगह बनाते हैं। ऐसे एक क्षेत्र को टारगेट करना कहीं से भी संवैधानिक रूप से सही नहीं है। केजरीवाल ने ऐसा ही बोला था, जिसका खामियाजा उनको उठाना पड़ा। महाराष्ट्र में भी यही भाषा थी। अब पश्चिम बंगाल की जनता भी ममता को सबक सिखाएगी।”