मेरठ। जाकिर कॉलोनी में मकान गिरने से दस लोगों की मौत के बाद जिला प्रशासन की नींद टूटी है। पार्षदों ने जाकिर कॉलोनी, श्यामनगर, फतेहउल्लापुर सहित आठ मोहल्लों के ऐसे 12 मकानों की सूची प्रशासन को सौंपी हैं। जिन पर खतरा मंडरा रहा है। इनको गिराने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया और एक मकान को तुरंत खाली कराया गया। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों से मकानों की जांच कराकर नगर निगम को सर्टिफिकेट दिया जाएगा। जिसके बाद इन मकानों को निगम गिराएगा।
मकान गिरने पर दूध व्यापारी नफ्फो उर्फ नफीसा, उसका बेटा साजिद सहित दस लोगों की मौत का मामला लखनऊ तक पहुंच गया है। जिला प्रशासन, विकास प्राधिकरण, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी पुलिस फोर्स, बचाव दल के साथ रेस्क्यू में लगे हैं। मकान कैसे गिरा, इसकी अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। 300 गज में तीन मंजिल मकान की नींव बहुत कमजोर थी। 50 साल पुराने मकान के भूतल में पशुओं की डेयरी थी। उनकी गंदगी दीवारों में जा रही थी और चार दिन से हो रही बारिश से बुनियाद खोखली हो गई थी।
घनी आबादी में ऐसे कितने मकान हैं, इसकी पड़ताल शुरू हो गई है। स्थानीय पार्षदों के 12 मकानों की सूची देने के बाद इन्हें जमींदोज करने के लिए नगर निगम के अधिकारियों से कहा गया। निगम ने पीडब्ल्यूडी से जांच रिपोर्ट मांगी। श्यामनगर होटल वाली गली में हनीफ अपने परिवार के साथ मकान में रहते हैं। इसे खाली कराने की रिपोर्ट मिलने पर लिसाड़ीगेट पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मकान को खाली कराया, जिससे नगर निगम इन्हें गिराने की कार्रवाई करेगा।