लखनऊ। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) का तीसरा संस्करण मंगलवार से उत्तर प्रदेश में शुरू होगा। इसमें देश के 207 विश्वविद्यालयों के 4,000 से अधिक खिलाड़ियों के 21 खेलों में भाग लेने की उम्मीद है। यह आयोजन 12 दिन तक चलेगा। जहां उत्तर प्रदेश के पांच शहरों में अधिकांश खेल होंगे, वहीं निशानेबाजी नई दिल्ली में आयोजित किए जाएगी।
केआईयूजी मंगलवार को एसवीएसपी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स इंडोर हॉल, गौतम बुद्ध नगर में कबड्डी मैचों के साथ शुरू हुआ, इसका आधिकारिक उद्घाटन समारोह गुरुवार को लखनऊ में होगा।
यह संस्करण वाटर स्पोर्ट्स की शुरुआत भी करेगाञ गोरखपुर के रामगढ़ में ताल झील में रोइंग प्रतियोगिता होगी।
हालांकि यह वार्षिक आयोजन एथलीटों के लिए राष्ट्रीय खेल परिदृश्य में अपना नाम बनाने का एक अच्छा मंच है, लेकिन विभिन्न राज्य खेल संघों, यहां तक कि उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ के अधिकारी राज्य में खेल के खराब बुनियादी ढांचे से निराश हैं।
उपयुक्त बुनियादी ढांचे की कमी के कारण सभी कार्यक्रम ‘उधार’ के स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे।
राज्य ओलंपिक संघ के महासचिव आनंदेश्वर पांडे ने कहा,1982 के एशियाई खेलों और 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों ने नई दिल्ली को विश्व स्तरीय खेल बुनियादी ढांचे का निर्माण करने का मौका दिया। यह हमारे खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण देने और ओलंपिक सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने में मदद प्रदान कर रहा है।
इस बीच, भारतीय खेल प्राधिकरण के लखनऊ केंद्र के कार्यकारी निदेशक, संजय सारस्वत ने कहा कि केआईयूजी एथलीटों को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद कर रहा है।
उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का उद्देश्य निष्पक्ष रूप से खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका प्रदान करना है।
उन्होंने कहा, हमें विश्वविद्यालय के एथलीटों के लिए एक मजबूत नीति की आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के खेल राज्य के खेल के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
राज्य के खेल निदेशक, आर.पी. सिंह ने कहा, जहां तक राज्य के खेल विकास का संबंध है, यह आयोजन उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों के एथलीटों को अपनी प्रतिभा दिखाने और पदक जीतने का पर्याप्त अवसर देगा।