मुरादाबाद / बिजनौर । उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में स्योहारा स्टेशन के पास किसान एक्सप्रेस ट्रेन (13308) दो हिस्सों में बंट गयी। इंजन 13 बोगियों को लेकर करीब चार किलोमीटर आगे निकल गया और आठ डिब्बे पीछे छूट गए। हादसे के वक्त ट्रेन की गति 85 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे थी।
रेल अधिकारियों के मुताबिक मुरादाबाद रेल मंडल के स्योहारा स्टेशन से कुछ ही दूरी पर स्थित रायपुर रेलवे फाटक के पास रविवार तड़के दो हिस्सों में बट गयी। किसान एक्सप्रेस लगभग सवा घंटा देरी से चल रही थी। उन्होंने बताया कि किसान एक्सप्रेस धामपुर स्टेशन से निकल कर जब स्योहारा क्षेत्र के गांव रायपुर के पास पहुंची तो अचानक बोगी नंबर एस-3 एवं एस-4 का कपलिंग टूट गया। इससे बोगी एस-4 सहित पीछे की आठ बोगी वहीं रुक गईं, जबकि 13 बोगी इंजन के साथ करीब चार किलोमीटर तक आगे चली गईं।
फिरोजपुर से धनबाद जाने वाली 13308 डाउन किसान एक्सप्रेस ट्रेन धामपुर रेलवे स्टेशन पर रात्रि 02:22 पर पहुंचती है जो शनिवार देर रात को 1:13 मिनट की देरी से करीब 3:35 पर पहुंची थी। इसके बाद 3 मिनट रुक कर 3:38 पर वहां से स्योहारा स्टेशन के लिए चल दी थी। स्योहारा स्टेशन पहुंचने से पहले हादसा हो गया।
ट्रेन के चलने के दौरान सभी बोगियों में प्रेशर एक समान रहता है। कपलिंग टूटने या अन्य कोई समस्या आने पर अचानक प्रेशर टूट जाता है, जिससे इमरजेंसी ब्रेक लगते हुए चालक को पता लग जाता है। रविवार तड़के गांव रायपुर के पास जब कपलिंग टूटा तो प्रेशर कम होने से ट्रेन के चालक केके रस्तोगी को पता लग गया था लेकिन ब्रेक लगते-लगते ट्रेन लगभग चार किलोमीटर दूर पहुंच चुकी थी। अधिकारियों के पहुंचने पर कपलिंग टूटी हुई बोगी को अलग करके अन्य बोगियों को जोड़कर लगभग तीन से चार घंटे बाद सुबह 7:35 पर ट्रेन को गंतव्य की ओर रवाना किया गया।
तीन बसों से भेजे गए सिपाही भर्ती परीक्षा के 200 से अधिक अभ्यर्थी-
फिरोजपुर से धनबाद जा रही किसान एक्सप्रेस से उप्र सिपाही भर्ती परीक्षा देने 200 से अधिक अभ्यर्थी मुरादाबाद व बरेली आ रहे थे। धामपुर रेलवे स्टेशन से स्योहारा स्टेशन के लिए ट्रेन सही चली थी मगर स्योहारा स्टेशन पहुंचने से पहले हादसा हो गया और किसान एक्सप्रेस कपलिंग टूटने की वजह से दो हिस्सों में बंट गई। ट्रेन खराब होने से परीक्षा छूटने के डर के चलते परीक्षार्थियों ने हंगामा किया। इस पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने लगभग 200 परीक्षार्थियों को गांव के बाहर से रोडवेज की तीन बसों में बैठाकर रवाना किया।