जनवरी- अपने उद्देश्य में महत्वपूर्ण सफलता मिलेगी। अनेक परेशानियों का निवारण होगा। गृहस्थी, घर में सुख शान्ति बनी रहेगी। नजदीकी लोगों से विवाद हो सकता है। जीवन साथी से कुछ विरोध की स्थिति पैदा हो सकती है। शुभ संवाद से लाभ।
फरवरी- नवीन कार्यों की योजना बनेगी। मामले, मुकदमे में विजय की संभावना। कार्यों में व्यस्तता होने के कारण मानसिक तनाव व उलझन, व्यापार में लाभ हानि दोनों का सामना करना पड़ेगा। आलस्य की वृद्धि होगी। प्रतिदिन देवदर्शन करें व पूजा पाठ करें।
मार्च- मनोरथ सिद्धि न होने से निराशा का वातावरण होगा। व्यापारिक स्थिति मध्यम रहेगी। पारिवारिक कारणों से अवरोध विरोध बना रहेगा। नई संगत मिलने से नयेपन का अनुभव होगा। आपसी लोगों से विरोध न बढ़ावें। विरोध बढऩा उचित न होगा।
अप्रैल- व्यर्थ के विवाद बनेंगे। यात्रा, पद की हानि तथा व्यय की अधिकता रहेगी। रोग, ऋण से चिन्ता, विश्वास पात्रों से धोखा होगा। स्त्री, सन्तान से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलेगा। माह के उत्तराद्र्ध में कुछ राहत मिलेगी। आर्थिक सुधार होगा। वाहन सुख।
मई- कार्य व्यवसाय में अल्प लाभ रहेगा। नीच एवं दुष्टों की संगति से कष्ट, नेत्र और सिर में पीड़ा रहेगी। परिवार में कलह रहेगा। यात्रायें अल्प लाभ देगी। अन्न-धन की हानि रहेगी। धनाभाव से मन खिन्न रहेगा। व्यर्थ भ्रमण भी रहेगा। स्वजनों से मन-मुटाव। धार्मिक आस्था में रुचि बढ़ेगी।
जून- यह मास कुछ विशेष कार्यों में सफलता देगा। दुष्टों की संगति से हानि होगी। भाई-बहनों के बीच टकराव की स्थिति भी बन सकती है। हाथ, पैर, कमर में दर्द होगा। विश्वासपात्रों से धोखा होगा। शुभ कार्यों में धन का व्यय और मुकदमा भी बनेगा। कुछ शत्रु प्रबल होंगे। धनाभाव रहेगा। यात्रा कष्ट। यह माह अत्यन्त सुखद है। व्यापार में लाभ होगा।
जुलाई- इस माह में आपको सभी कठिनाइयों से जूझना पड़ेगा। धैर्यपूर्वक क्रमश: परिश्रम करते रहने से सफलता मिलती रहेगी। ऋण का लेन-देन न करें। यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है। शत्रु की वृद्धि, पदोन्नति में बाधा। उद्योग-धन्धे में प्रगति।
अगस्त- कठोर परिश्रम से शारीरिक थकावट रहेगी। नेत्र पीड़ा, आलस्य से परेशान रहेंगे। अधिकारियों से परेशानी, शत्रुओं से सावधान, पूजा पाठ में रुचि बनाये रखे, अधिक कार्य व्यस्तता के कारण शारीरिक थकावट महसूस करेंगे। मन में उत्साह की वृद्धि, द्रव्य लाभ।
सितम्बर- व्यापारिक स्थिति मध्यम रहेगी। धन व्यय एवं सुख में कमी, मन में अशांति बनी रहेगी। परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। धर्म, कर्म में आस्था रखने से स्थिति में कुछ सुधार होगा। पूजा पाठ में रुचि बनाये रखे। अधिकारियों से उलझनेंं से बचें।
अक्टूबर- मनोरथ सिद्ध न होने से निराशा का वातावरण रहेगा। व्यापार में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। शत्रुओं की वृद्धि होगी। परन्तु आप अपने चातुर्य और बुद्धि कौशल से शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे। क्रोध पर नियंत्रण रखें। उत्तराद्र्ध में स्थिति में सुधार होगा।
नवम्बर- स्वजनों से विवाद, जलभय, भोजन शयन में गतिरोध, आधिव्याधि का आकस्मिक आक्रमण, धनजन की हानि, अव्याधिक प्रपंचों का अनुभव होगा, उच्चाधिकारियों की कृपा से कार्य सिद्धि, राजनेताओं से सम्पर्क, श्रम साध्यता से जीवन निर्वाह होगा। शुभ कार्यों में धन व्यय होगा। धार्मिक कार्य में रुचि बढ़ेगी।
दिसम्बर- मासफल मध्यम है। साथी सहयोगियों से सुख सहानुभूति का लाभ मिलेगा। नौकरी व्यापार से लाभ, अल्प रहेगा। व्यवहार में सामाजिक मर्यादा बढ़ेगी। भाग्य की मन्द गति रहेगी। आलस्य प्रमाद से बचना आवश्यक होगा। आगन्तुकों से कष्ट की अनुभूति होगी। भाग्य अत्यन्त प्रबल है। दुर्गा पाठ करें। खर्च से परेशानी, आय में कमी, स्वास्थ्य लाभ होगा।