वर्तमान दौर में बदली जीवन शैली के कारण लोग नींद से दूर होते जा रहे है। सोशल मीडिया के बढते प्रभाव व कार्य की अधिकता के कारण प्राय: लोग नींद से दूर होते जा रहे है जो घातक है। नींद पूरी न होने की प्रवृत्ति से आज बड़े- बुजुर्गों के साथ युवा भी पीडि़त हो रहे है। परिणाम स्वरूप घातक रोग सामने आ रहे है। एक स्वस्थ व्यक्ति के जीवन में नींद का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह हमारे शरीर का पुनर्निर्माण करने और तंत्रिका के संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है। सही नींद स्वस्थ मानसिक स्थिति का भी कारक है। सही व संतुलित नींद मानसिक तनाव को भी कम करती है जिससे मन की उत्तेजना संयमित रहती है। नींद के दौरान हमारा मस्तिष्क अपनी गहरी प्रक्रियाओं में लगा रहता है जो स्मृति और अवगति को बढ़ावा देता है। अच्छी नींद लेने वाले व्यक्ति दिन भर अधिक ऊर्जावान और सक्रिय होते हैं। वे काम में अधिक प्रभावी रहते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अधिक प्रेरित होते हैं।
नींद के प्रति लोगों में जनजागृति को लेकर प्रतिवर्ष 16 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निद्रा दिवस भी मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वस्थ नींद के महत्व के बारे में जागरूक करना है और उससे संबंधित समस्याओं के बारे में जागरूक करना है। निंद प्रत्येक व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। यह विशेष रूप से नवजात शिशु से लेकर बुजुर्ग व्यक्तियों तक सभी के लिए आवश्यक है। नींद शरीर को आराम देती है, मानसिक तनाव को कम करती है, मनोविकारों को रोकती है, स्मरण शक्ति बढ़ाती है, और शारीरिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है। इसके अलावा, सही नींद की दिशा में अधिक संज्ञान और संज्ञानात्मक जीवन शैली स्वास्थ्य और कुशलता को बढ़ावा देती है।
नींद का अभाव हमारी दिनचर्या और जीवन को प्रभावित कर सकता है। नींद शारीरिक आराम के लिए आवश्यक है। यह हमारे शरीर को विश्राम देती है, मांसपेशियों को आराम प्रदान करती है, और ऊर्जा को फिर से भरती है। इसके अलावा नींद हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। सही नींद हमें तनाव और चिंता से राहत दिलाती है, मानसिक तनाव को कम करती है, और हमें एक सकारात्मक मनोवृत्ति प्रदान करती है। नींद सही आने से ही हम दिनभर के कार्यों को संभालने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्राप्त करते है। यह हमें जीवन में सक्रिय और प्रभावशाली बनाती है। इसके साथ ही नींद की कमी से हमारी याददाश्त और दिनचर्या प्रभावित हो जाती है। अच्छी नींद आने से हमारी स्मरण शक्ति मजबूत होती है। कम नींद से, तनाव और चिंता का सामना करना मुश्किल हो सकता है। नींद की कमी से, हमारी कार्य क्षमता कम हो सकती है, जो काम पर असर डाल सकता है। नींद की कमी से शारीरिक समस्याएं जैसे कि मोटापा, डायबिटीज, और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
हमारे जीवन में नींद को हमेशा महत्वपूर्ण माना जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हम अपने दिनचर्या में पर्याप्त नींद को शामिल कर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रख सकते है। नींद हमारे शरीर और मन के लिए एक महत्वपूर्ण खुराक है। जिसकी पूर्ति करनी जरूरी है। हमारी संतुलित दिनचर्या के लिए सही नींद का आना बहुत जरूरी है। जब नींद संतुलित नहीं रहती है तो शरीर में कई समस्याओं का कारण बन जाती है, जैसे कि थकावट, चिंता, या मानसिक तनाव आम बात है। इसके लिए नियमित व्यायाम, ध्यान, और संयमित आहार बहुत जरूरी है। इसके अलावा अनियमित नींद हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, इससे मोटापा, मनोविकार, और दिल की बीमारियां बढती है। सही मायने में नींद हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है और हमारे स्वास्थ्य और विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पूरी नींद लेकर ही हम अपने जीवन को स्वस्थ, सक्रिय, और उर्जावान रख सकते है। इसलिए बदली जीवन शैली में नींद के महत्व को हम समझे।
समय पर सही नींद लेना हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि हम एक स्वस्थ और सकारात्मक जीवन जीना चाहते हैं तो हमें अपने नींद पर ध्यान देना चाहिए। यह हमें ताजगी और ऊर्जा देने के साथ-साथ हमें दिन भर के कार्यों को करने की क्षमता प्रदान करती है। जीवन में नींद की अधिकता या कमी शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बनती है। यह हड्डियों, मांसपेशियों, और अन्य अंगों के लिए महत्वपूर्ण है ताकि वे सही तरीके से काम कर सकें। सही नींद से, हमारा मानसिक संतुलन बना रहता है। यह हमें तनाव, चिंता, और उदासी के खिलाफ मजबूत बनाता है। नींद से बढ़ी हुई स्मरण शक्ति हमें बेहतर याददाश्त और मनोविज्ञान में मदद करती है। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सही नींद की आवश्यकता होती है।
-डा वीरेन्द्र भाटी मंगल
-डा वीरेन्द्र भाटी मंगल