पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव इन दिनों बिहार में सक्रिय हुए हैं। नवरात्रि के दौरान पटना में लालू यादव सप्तमी से लेकर विजयादशमी तक कहीं ना कहीं सक्रिय दिखे तो विजयादशमी के दूसरे दिन वे अपने पुराने संसदीय क्षेत्र छपरा पहुंच गए।
दरअसल, चारा घोटाला में जेल, बीमारी से परेशानी और लंबा वक्त बिहार से बाहर गुजारने के बाद लालू इन दिनों अपना अधिकांश समय पटना में गुजार रहे हैं। सबसे बड़ी बात है कि कार्यकर्ताओं से मिलने की हो या अन्य पार्टी के नेताओं से मिलने का मौका, सभी को लेकर वे सक्रिय नजर आ रहे हैं।
लालू की सक्रियता के बाद राजद के कार्यकर्ताओं में भी उत्साह देखा जा रहा है। लालू जब छपरा राजद के निर्माणाधीन कार्यालय को देखने पहुंचे तो बड़ी संख्या में उन्हें देखने और मुलाकात करने वालों की भीड़ इकट्ठी हो गई।
उल्लेखनीय है कि लालू राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान लालू जमानत पर पटना पहुंचे तो नीतीश कुमार को अपने महागठबंधन में शामिल करा लिया। नीतीश के आने से महागठबंधन इतना मजबूत हुआ कि बिहार में एनडीए की सत्ता पलट गई और महागठबंधन की सरकार बनी।
यह अलग बात रही कि वह सरकार लंबे समय तक नहीं चली। अगले साल जहां लोकसभा चुनाव संभावित हैं। वहीं, 2025 में विधानसभा चुनाव होना है। लालू प्रसाद गुरुवार को आठ सालों के बाद कांग्रेस प्रदेश कार्यालय पहुंचे और एक समारोह में भाग लिया। इससे पूर्व विजयादशमी के दिन गांधी मैदान में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में लालू यादव ने सीएम नीतीश और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के साथ मंच साझा किया।
इसके दूसरे दिन वे छपरा पार्टी कार्यालय का निर्माणाधीन भवन देखने पहुंच गए। लालू करीब सात साल बाद पहुंचे थे। उनको देखने के लिए काफी संख्या में लोग आए। थोड़ी देर के लिए अफरा-तफरी की स्थिति बन गई।
राजद के एक नेता कहते भी हैं कि लालू प्रदेश के ही नहीं देश की राजनीति की नब्ज पहचानते हैं। उन्होंने भी माना कि उनकी सक्रियता से कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हुआ है। उन्होंने कहा कि लालू की पहचान गरीबों के मसीहा के तौर पर होती है, जिससे लोग उनसे प्यार करते हैं।