मेरठ। नए लैपटॉप में करंट की शिकायत के बाद उपभोक्ता की सुनवाई नहीं करना लैपटाॅप कंपनी और दुकानदार को भारी पड़ा। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने फैसला सुनाया है कि उपभोक्ता को 46500 रुपये वापस किए जाए। इसके अलावा जुर्माने के दौरान पांच हजार रुपये दिए जाए। दो माह के अंदर यह राशि नहीं देने पर सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देना होगा।
मनिहारन लावड़ गांव की रहने वाली गुलफशा ने पांच अगस्त 2021 को पीएल शर्मा रोड स्थित एक दुकान से 46500 रुपये में लैपटाॅप खरीदा था। लैपटॉप का इस्तेमाल करने पर पता चला कि उससे करंट लग रहा है। 14 अगस्त को गुलशफा ने संबंधित दुकानदार को शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
पीड़िता ने दोबारा से फिर शिकायत की। मांग करते हुए कहा कि या तो लैपटॉप बदला जाए या फिर उसकेे रुपये वापस दिए जाए। कोई सुनवाई नहीं होने पर पीड़िता ने 13 अप्रैल 2022 को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में केस दायर किया। इसमें लैपटॉप बनाने वाली कंपनी को भी पार्टी बनाया गया। यह मामला तभी से कोर्ट में विचाराधीन था। इस दौरान आयोग ने दोनों पक्षों को सुना।
आयोग के वरिष्ठ सदस्य पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि सुनवाई में सभी तथ्यों को देखा गया। इसके बाद शिकायतकर्ता के हक में फैसला सुनाया गया।