Monday, April 28, 2025

विपक्ष की बैठक में शामिल होने के लिए 26 राजनीतिक दलों के नेता बेंगलुरु पहुंचे, अखिलेश, जयंत, केजरीवाल भी शामिल

बेंगलुरु। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ रणनीति की रूपरेखा तैयार करने के प्रयास में विपक्ष की बैठक में भाग लेने के लिए 24 राजनीतिक दलों के नेता सोमवार दोपहर बेंगलुरु पहुंचे। इन नेताओं ने देर शाम सोनिया गाँधी के डिनर में हिस्सा लिया। मंगलवार को बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पास किये जाएंगे।

नेताओं में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी शामिल हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने एचएएल हवाईअड्डे पर कांग्रेस नेतृत्व का स्वागत किया।

बेंगलुरु पहुंचने वाले अन्य प्रमुख नेताओं में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।

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कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बेंगलुरु हवाई अड्डे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का तथा भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने अखिलेश यादव का स्वागत किया।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि यह दूसरी बैठक है जिसमें लगभग 24 राजनीतिक दलों के नेता हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सभी नेता अगले लोकसभा चुनाव का सामना करने के उद्देश्य से आज और कल विचार-विमर्श करेंगे।

मुख्‍यमंत्री ने कहा, “भाजपा ने देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया है। पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद महंगाई चरम पर है। किसान, दलित और गरीबों का जीना दूभर हो गया है। सांप्रदायिकता चरम पर है और लोग डर के साये में जीने को मजबूर हैं।”

पीएम मोदी को हराने के लिए सभी दलों के एकजुट होने की आलोचना पर मुख्यमंत्री ने कहा, ”क्या हमने कर्नाटक में पीएम मोदी का कुशलता से सामना नहीं किया है? पीएम मोदी जहां भी गए हैं, वहां कांग्रेस पार्टी की जीत हुई है। वह 28 बार यहां आए लेकिन हम जीते। बीजेपी का पतन कर्नाटक से शुरू हो गया है।”

उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा और उसके सहयोगियों की हार होगी और यूपीए गठबंधन की जीत होगी। उन्होंने कहा कि जद (एस) की कोई विचारधारा नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, ”भाजपा के साथ सत्ता साझा करने के बाद उनकी अपनी कोई विचारधारा नहीं है।”

उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी भाजपा से हाथ मिलाने की अपनी गलती का एहसास हो गया है। उन्‍होंने कहा, “भगवा पार्टी को आगामी चुनाव में बहुमत नहीं मिलेगा। भाजपा इस बार धूल चाटेगी।”

विपक्ष की पहली बैठक 23 जून को बिहार में हुई, जिसमें 12 राजनीतिक दलों ने हिस्‍सा लिया। विपक्षी पार्टियों ने इसे बैठक को सफल बताया था।

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