Friday, November 22, 2024

कर्नाटक में लिंगायतों ने भी भाजपा को दिया बड़ा झटका, समीक्षा के लिए बीजेपी जल्द करेगी बैठक

नई दिल्ली। कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार ने भाजपा को बड़ा झटका दे दिया है। भाजपा को 2018 के 104 सीटों की तुलना में इस बार सिर्फ 65 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है, जबकि कांग्रेस शानदार जीत हासिल करते हुए 136 सीटों पर अपना परचम लहराती नजर आई है।

दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में विस्तार की मुहिम में जुटी भाजपा को कर्नाटक के चुनावी नतीजों से बड़ा झटका लगा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक में मिली इस करारी हार की समीक्षा के लिए भाजपा जल्द ही बैठक कर सकती है। कर्नाटक भाजपा के एक दिग्गज नेता ने बताया कि पार्टी विधानसभा स्तर, जिला स्तर और राज्य स्तर पर हार के कारणों की समीक्षा करेगी और इस बात का विश्लेषण करेगी कि पार्टी अपने मुद्दों के साथ जनता को क्यों नहीं कनेक्ट कर पाई?

दरअसल, प्रारंभिक तौर पर पार्टी का यह मानना है कि जेडी-एस का वोट कांग्रेस को मिलने के कारण उसे इतनी शानदार जीत मिली है, लेकिन पार्टी के लिए सबसे चिंताजनक नतीजे मुंबई कर्नाटक और हैदराबाद कर्नाटक से आए हैं। इन दोनों ही इलाकों को लिंगायत बहुल इलाका माना जाता है। पार्टी की तरफ से राज्य में लिंगायतों के बड़े नेता बीएस येदियुरप्पा लगातार चुनाव प्रचार कर रहे थे। वहीं पार्टी ने लिंगायत समुदाय के ही बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बना रखा था और चुनाव जीतने पर उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाने का वादा भी किया था, लेकिन इसके बावजूद लिंगायत मतदाताओं का वोट नहीं मिल पाना भाजपा के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है।

भाजपा के लिए सबसे ज्यादा चिंताजनक बात तो यह है कि इस बार बड़ी तादाद में कांग्रेस लिंगायत विधायकों को जिताकर लाई है और अगर यह ट्रेंड कंटिन्यू रहा तो पार्टी के लिए राज्य में रिवाइव करना बहुत मुश्किल होगा।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय