मुजफ्फरनगर। दो दिवसीय पशु प्रदर्शनी और कृषि मेले का आयोजन नुमाइश ग्राउंड में किया गया। मेंले का उद्घाटन मुख्य अतिथि नितिन जयराम गडकरी, कैबिनेट मंत्री सड़क परिवहन और राजमार्ग द्वारा किया गया। पुरुषोत्तम रूपाला केंद्रीय कैबिनेट मंत्री मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी भारत सरकार; जनरल वीके सिंह, राज्य मंत्री सड़क, परिवहन और राजमार्ग भारत सरकार और धर्मपाल सिंह, कैबिनेट मंत्री, पशुपालन, उत्तर प्रदेश सरकार इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डा. संजीव कुमार बालियान ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण के दौरान उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पशुधन क्षेत्र के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह देश के किसानों की आजीविका सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करता है। इस कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य विभिन्न राज्यों के किसानों को पशुपालन प्रक्रियाओं, उत्पादन और प्रौद्योगिकियों के विभिन्न आयामों को प्रदर्शित करना है। उद्घाटन कार्यक्रम कपिल देव अग्रवाल, राज्यमंत्री स्वतन्त्र प्रभार द्वारा दिए गए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुआ।
पशुपालन मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार धर्मपाल सिंह ने अपने संबोधन के दौरान राज्य में किसानों के लाभ के लिए उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग द्वारा कार्यान्वित विभिन्न विकास कार्यक्रमों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गाय के गोबर को खरीदकर ओडीओपी से जोड़ना चाहते हैं। प्रदेश सरकार ने पशुपालकों को बहुत सारी योजनाएं देने का काम किया है और मुर्गीपालन, बकरी पालन, सुअर पालन में अनुदान व ऋण लेकर इसका लाभ लिया जा सकता है। किसानों के लिए खेती भी देशी गोबर पर आधारित हो गई है।
मेले में, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, मत्स्य विभाग, आईसीएआर संस्थानों, राज्य पशु चिकित्सा कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों जैसी विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई गतिविधियों को प्रदर्शिंत करने के लिए 150 से अधिक प्रदर्शनी स्टालों की व्यवस्था की गई थी। मेले में लगभग 20 हजार प्रतिभागियों ने भाग लिया। एनिमल शो में विभिन्न राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के लगभग 1000 पशुओं ने भाग लिया।
पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश के राज्य अधिकारियों ने पशु प्रदर्शनी में प्रवेश के लिए पशुओं के स्वास्थ्य की स्थिति सुनिश्चित करने के बाद पशु पंजीकरण का ध्यान रखा। उद्घाटन सत्र के बाद, गणमान्य व्यक्तियों ने प्रदर्शनी स्टालों, पशु स्टालों और पशु शो का दौरा किया, जहां विशेषज्ञों द्वारा पशु, भैंस, भेड़ और बकरियों की विभिन्न प्रजातियों का मूल्यांकन किया गया।
मेले के पहले दिन गुरुवार को मवेशियों की विभिन्न श्रेणियों, साहीवाल, हरियाणा, थारपारकर, राठी, गिर और कांकरेज नस्लों जैसी अन्य देशी गौ नस्लों और विदेशी/संकर नस्ल के मवेशियों तथा मुर्रा भैंस नस्ल के लिए पशु शो और जजिंग का आयोजन किया गया था। निर्णायक समिति में आईसीएआर, राज्य पशुपालन विभाग, राज्य कृषि/पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों जैसे विभिन्न संस्थानों के पशु विज्ञान/पशु चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल थे। साथ ही, गौ, भैंस, भेड़ और बकरी के प्रबंधन और जल प्रबंधन पर व्याख्यान देने वाले तकनीकी सत्र भी आयोजित किए गए।
मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। आने वाले किसानों के लिए लॉटरी योजना की भी व्यवस्था की गई, जो कि कृषि उपकरणों के विभिन्न निर्माताओं द्वारा प्रायोजित थी।
मेले का आयोजन पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार द्वारा आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉ रिसर्च ऑन कैटल, मेरठ के समन्वय से किया गया था। कृषि मेले में प्रस्तावित कार्यक्रम भेड़, बकरी और घोड़े का प्रदर्शन और मूल्यांकन हैं। शुक्रवार को आयोजित होने वाले समापन सत्र के दौरान पशु शो और लॉटरी योजना के विजेताओं की घोषणा होगी। गिरिराज सिंह, कैबिनेट मंत्री ग्राम विकास समापन सत्र समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।