गाजियाबाद। जेल भेजने का भय दिखाकर ठगी कर रहे साइबर अपराधियों ने एक महिला को डिजिटल अरेस्ट रखकर पहले उनसे दस्तावेज लिए और फिर उनके ही बैंक खाते पर 9.91 लाख का कर्ज ले लिया। इसके बाद पूरी रकम अपने खातों में ट्रांसफर करा ली। महिला को इस ठगी की जानकारी भी बैंक जाने पर हुई।
साहिबाबाद की राजबाग कॉलोनी की रहने वाली मनिका गुप्ता ने इस ठगी की रिपोर्ट साइबर थाने में दर्ज कराई है। एफआईआर में उन्होंने बताया है कि उनके साथ यह घटना 11 जून को हुई। उनके मोबाइल नंबर पर अनजान नंबर से काॅल आई। काॅल करने वाले ने खुद को कुरियर कंपनी से बताया। उसने कहा, आपके नाम से ईरान से संदिग्ध सामान आया है।
मनिका ने कहा, उनका कुरियर से कोई वास्ता नहीं। इस पर काॅलर ने यह कहकर डराया कि मामला गंभीर है। कुरियर में ड्रग आई है। इसके बाद उसने काॅल को मुंबई पुलिस को ट्रांसफर करने की बात कही। मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर बात कर रहे ठग ने मामला सीबीआई का बताया। मनिका का कहना है कि इसके बाद उन्हें वीडियो काॅल पर ले लिया गया।
उनसे कहा गया कि हो सकता है कि कुरियर आपका न हो। आप पहचान की चोरी यानी आईडेंटिटी थेप्ट की शिकार हो गई हैं। इसमें किसी की पैन कार्ड, आधार कार्ड जैसी निजी या वित्तीय जानकारी चुराकर उसका इस्तेमाल किया जाता है। मनिका का कहना है कि वे लोग उन्हें डराते रहे और दिलासा भी देते रहे कि अगर जांच में सहयोग किया तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।