गाजियाबाद। विश्व बैंक के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने अर्बन ट्रांसिट के लिए वर्तमान और भविष्य में आरआरटीएस परियोजना में सहभागिता पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम का दौरा किया। इस चर्चा का मुख्य विषय आगामी आरआरटीएस कॉरिडोर के वित्तीय पोषण पर था।
विश्व बैंक में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रीय निदेशक पंकज गुप्ता के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल की अध्यक्षता वाली टीम से मुलाकात की। विश्व बैंक एक बहुपक्षीय विकास बैंक है जिसे दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी के बीच आरआरटीएस कॉरिडोर को वित्तपोषित करने के लिए भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है।
बैंक ने पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के माध्यम से लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान करने और आगामी आरआरटीएस कॉरिडॉर पर ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) क्षमता की खोज करने सहित विभिन्न पहलों पर एनसीआरटीसी के साथ भागीदारी की है। यह साझेदारी अत्यधिक कारगर रही है, जिसकी विशेषता राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सतत और कुशल परिवहन बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण है।
इस सहयोग से न केवल वित्तीय सहायता प्राप्त होगी, बल्कि अतिरिक्त पूंजी और साझेदार जुटाने के लिए विश्व बैंक की वैश्विक विशेषज्ञता का भी लाभ उठाया जा सकेगा। बैंक ने आरआरटीएस परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए एडीबी के साथ चार अग्रिम संयुक्त मिशन संचालित किए हैं।
इस दौरे के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने भारत की पहली आरआरटीएस परियोजना को लागू करने में एनसीआरटीसी द्वारा इस्तेमाल की गई उन्नत तकनीकों की सराहना की और विशेष रूप से दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के लिए लक्षित समयसीमा को पूरा करने की एनसीआरटीसी की क्षमता से प्रभावित हुए। प्रतिनिधि मण्डल ने कहा कि यह इतने बड़े पैमाने और जटिल बुनियादी ढाँचे वाली परियोजना के लिए एक प्रभावशाली उपलब्धि है।